वर्ष 2020 को बीतने में कुछ ही दिन बचे हैं. इस बीच अंतरिक्ष में एक और खगोलीय घटना होने जा रही है. 29 और 30 दिसंबर को इस साल का आखिरी फुल मून होने जा रहा है. इसे कोल्ड मून कहा जाता है. यह 2020 का 13वां फुल मून होगा. इसे देखने के लिए पूरी दुनिया में लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है.
जानकारी के अनुसार फुल मून 30 दिसंबर 2020 को अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार 3.39 बजे अल सुबह अपने चरम पर होगा. भारत में यह नजारा 30 दिसंबर को सुबह करीब 9 बजे घटित होगा. फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार यह कोल्ड मून एशिया, प्रशांत क्षेत्र, यूरोप और अफ्रीका में बुधवार को दिखेगा. वहीं दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी गोलार्ध के देशों में यह 29 दिसंबर की रात 10:29 बजे दिखाई देगा.
क्रिसमस के तुरंत बाद में पड़ने के कारण उत्तरी अमेरिका में इसे लॉन्ग नाइट्स मून कहते हैं. यूरोप में इसे मून आफ्टर यूल कहा जाता है. उत्तरी गोलार्ध में स्थित देश इस घटना के दौरान सर्द मौसम झेल रहे हैं. वहीं दक्षिणी गोलार्ध में स्थित देश इस समय गर्म मौसम का अनुभव कर रहे हैं. हालांकि, इस घटना को उत्तरी गोलार्ध के देशों के मौसम के हिसाब से कोल्ड मून ही कहा जाता है
बता दें कि इससे पहले 21 दिसंबर को 800 साल बाद बृहस्पति और शनि ग्रह एक-दूसरे के बेहद करीब आए थे. धरती से देखने पर दोनों एक ही ग्रह के समान लग रहे थे. ये दोनों ग्रह इससे पहले 17वीं शताब्दी में महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में इतने पास आए थे.
वहीं 2020 तो खगोलीय घटनाओं से भरा रहा. लेकिन 2021 भी कुछ ऐसा ही रहने वाला है. आने वाले साल 2021 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनियाभर के खगोल प्रेमियों को एक पूर्ण चंद्रग्रहण और एक पूर्ण सूर्यग्रहण समेत ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी हालांकि, भारत में इनमें से केवल दो खगोलीय घटनाएं निहारी जा सकेंगी.