लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ.मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित पारदर्शी कार्यकाल में प्रदेश की राजधानी के बलरामपुर, लोहिया तथा सिविल अस्तपताल के अतिरिक्त टीबी संयुक्त चिकित्सालय में घटिया मानक की दवायें देकर दूर-दूर से आने वाले मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही है जिसका खुलासा चण्डीगढ स्थित राजकीय जन विश्लेषक क्षेत्रीय औषधि प्रयोगशाला तथा मनीशा एनालाइटिकल लाइबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड की जांच रिर्पोटों से खुलासा हुआ है। जिनमें मरीजों को दिये जाने वाले इंजेक्शन तथा एण्टीबायोटिक दवाएं तथा कैप्सूल हैं।
डाॅ. अहमद ने कहा कि प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों से अच्छे इलाज के लालच मेें लोग राजधानी में आते हैं तथा अनेक जनपदों से सरकारी अस्पतालों द्वारा मरीजों को इन अस्पतालों में स्थानान्तरित भी किया जाता है। गुणवत्ताविहीन दवाओं के फलस्वरूप मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जाता है। अब तक लगभग 50 लाख की घटिया दवाओं की खपत भी हो चुकी है। शेष दवाएं अस्पतालों से वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है।
स्वास्थ्य विभाग की इतनी बडी लापरवाही सामने आने पर स्वास्थ्य महानिदेशक अपनी जिम्मेंदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की सरकार के प्रवक्ता के रूप में घोषणाएं करने में व्यस्त हैं और स्वास्थ्य विभाग की इस प्रकार की संवेदनहीनता और लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने की प्रक्रिया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौन धारण करके अपनी शासन व्यवस्था पर स्वयं तथा अपनी सरकार की पीठ ठोक रहे हैं।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की तत्काल बर्खास्तगी की मांग करते हुये कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग के समस्त सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों की दवाओं के स्टाक तथा उनकी कार्यशैली पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और प्रदेश की जनता को विश्वास दिलाना चाहिए कि राजधानी के अस्पताल में जनजीवन से खिलवाड़ करने के लिए नहीं है।