ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की प्रफेसर सारा फ्लाउड द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि खराब तरीके से खाने की आदत और किसी काम को सही तरीके से नहीं करना भी डिमेंशिया की वजह बन सकता है। शोधकर्ताओं की माने तो कारकों और डिमेंशिया के जोखिम के बीच अल्पकालिक जुड़ाव किसी व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन को दर्शाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अध्ययन की शुरुआत में जो महिलाएं मोटापे से ग्रस्त थीं, उनमें आगे चलकर वांछनीय बीएमआई वाली महिलाओं की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 21 प्रतिशत अधिक था।
अध्ययन में शामिल 177,991 महिलाओं में से मोटापे से ग्रस्त 2,1 प्रतिशत या 3,948 महिलाएं डिमेंशिया का शिकार पाई गईं। यह वांछनीय बीएमआई के साथ 1,6 प्रतिशत महिलाओं या 434,923 महिलाओं में 7,248 की तुलना में है, जिन्हें बीमारी का पता चला था। अध्ययन में डिमेंशिया को मोटापे से जोड़ा गया है। लेकिन अगर समय रहते मोटापे को कंट्रोल कर लिया जाए तो आप आसानी से डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते हैं। आपके वर्कआउट रूटीन में कार्डियो और वेट ट्रेनिंग/स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ऐक्सर्साइज दोनों शामिल हैं।
कार्डियो कैलोरी बर्न करने में मदद करती हैं, जबिक वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेंनिंग ऐक्सर्साइज खराब फैट को कम करने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। रात की अच्छी नींद वजन घटाने, अच्छे स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन के लिए बहुत जरूरी है। नींद की कमी भूख और अधिक खाने के लिए प्रेरित कर सकती है। हेल्दी तरीके से वजन घटाने के लिए सात घंटे की नींद जरूरी है। प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है, जो हेल्दी तरीके से वजन घटाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अंडे, दूध, डेयरी उत्पाद, नट व बीज, सोया, मछली व समुद्री भोजन और चिकन सभी स्वस्थ प्रोटीन का स्रोत हैं। अपने डायट में सभी प्रकार के फूड को शामिल करना चाहिए, जिनमें फैट, कार्ब, प्रोटीन और फाइबर शामिल हों। प्रॉसेस्ड, पैकेज्ड, जंक, डीप-फ्राइड फूड और सुगर फूड्स से बचें।