चन्दौली। जनपद के सकलडीहा विधानसभा सीट पर भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी व सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव में एक बार फिर रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। दोनों दलों ने अपने पुराने धुरंधरों को एकबार फिर मौका दिया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला हुआ था। लेकिन तब किस्मत ने प्रभुनारायण का साथ दिया। वैसे इस बार बसपा ने भी ब्राह्मण चेहरा जयश्याम त्रिपाठी पर दांव लगाया है। अब 10 मार्च की तारीख को पता चलेगा कि सकलडीहा के मतदाताओं को किसपर अधिक भरोसा है।
विदित हो कि धानापुर विधानसभा से वर्ष 1995 में सपा के प्रभुनारायण सिंह यादव ने समता पार्टी के शिवकुमार सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभु नारायण ने 2001 में बसपा प्रत्याशी सुशील सिंह को महज 38 वोटों से हराकर दोबारा विधायक बने। लेकिन वर्ष 2007 के विस चुनाव में बसपा के सुशील सिंह ने लगभग 26 हजार मतों से प्रभुनारायण को करारी शिकस्त देकर उनकी विधायक की कुर्सी हथिया ली। इसके बाद परिसीमन हुवा और सकलडीहा विधानसभा अस्तित्व में आई। यहां 2012 के विधानसभा चुनाव में भी निर्दल सुशील व सपा के प्रभुनारायण आमने-सामने रहे। सुशील ने एक बार फिर प्रभुनारायण को मात दी। सुशील सिंह को 66,509 और प्रभुनारायण को 59661 वोट मिले थे, जबकि बसपा के रामबिहारी चौबे को 42,818 मतों से संतोष करना पड़ा था।
वहीं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने सकलडीहा विधानसभा पर कब्जा जमा लिया। इस चुनाव में सपा के प्रभुनारायण ने 79,875 मत हासिल किए तो भाजपा के सूर्यमुनी तिवारी को 64,906 मत पाकर हार का मुंह देखना पड़ा था। वैसे देख जय तो सकलडीहा विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की बाहुल्यता है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, ब्राम्हण व राजपूत, राजभर, मौर्या, चौहान मतदाता भी चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं। विधानसभा क्षेत्र में कुल तीन लाख 30 हजार 798 मतदाता हैं। यही मतदाता अब इन तीनों के भाग्य का फैसला करेंगे।
रिपोर्ट -अमित कुशवाहा