नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में किया जा रहा प्रदर्शन अब हिंसक हो गया है. दिल्ली में बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस दिल्ली की मौजूदा स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने देने और सुरक्षाबलों से संयम बरतने की अपली की है. हिंसा फैलाना वालों से देश की सभी पार्टियों ने भी शांति बनाए रखने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे लगता है कि यह बेहद जरूरी है कि प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने दिया जाए और सुरक्षाबलों को संयम बरतना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के स्थिति पर नजर रखने के सवाल पर दुजारिक ने कहा, जी हां, हम निश्चित तौर पर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का विरोध करने वालों और समर्थन करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया. उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया. इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जानें चली गईं और तकरीबन 200 लोग घायल हो गए.
दिल्ली हिंसा पर अमेरिकी सांसदों ने भी जताई है. जयपाल ने ट्वीट किया, ‘लोकतांत्रिक देशों को विभाजन और भेदभाव बर्दाशत नहीं करना चाहिए या ऐसे कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता हो. दुनिया देख रही है.’
सांसद एलन लोवेन्थाल ने भी हिंसा को ‘नैतिक नेतृत्व की दुखद विफलता’ करार दिया. उन्होंने कहा, हमें भारत में मानवाधिकार पर खतरे के बारे में बोलना चाहिए. राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की दावेदार एवं सांसद एलिजाबेथ वारेन ने कहा, ‘भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना अहम है लेकिन हमें मूल्यों पर सच्चाई से बात करनी चाहिए जिनमें धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा स्वीकार्य नहीं है.