दिल्ली में तबादले और तैनाती को लेकर सरकार एवं अफसरों के बीच सोमवार को तनातनी का माहौल रहा। पहले सरकार ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को तीन दिन से दफ्तर से गायब रहने पर नोटिस जारी किया। हालांकि, देर रात सरकार ने बताया कि मोरे लौट आए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करने पर सहमति जताई है।
उधर, विशेष सचिव ने कहा कि उनका विभाग सरकार से जुड़ी कई अहम जांच कर रहा है। इनमें आबकारी, मोहल्ला क्लीनिक, लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय कारागार, सिविल लाइन इलाके में छह स्टाफ हाउस की मरम्मत व सौंदर्यीकरण समेत 10 जांच शामिल हैं। पत्र में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 मई को दिए फैसले से संबंधित आदेश को कानूनी विभाग को भेजा है, जहां से फैसला आना बाकी है। उन्होंने यह भी लिखा कि सभी जांच नियमों के तहत की गई है। मुझे पदगत दायित्वों का निर्वहन करने दिया जाए।
इस बीच, सरकार ने जबरन वसूली रैकेट चलाने और सुरक्षा धन की मांग के आरोप में सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाईवीवी जे राजशेखर के पद से जुड़े सभी कार्य हटा दिए। विभागीय मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी पदगत दायित्व अन्य अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं। एडी स्तर के अधिकारियों को कार्य सौंपते हुए आदेश दिया गया है कि वे कार्य से जुड़ी समस्त फाइल सचिव, सतर्कता के सामने ही रखें। विशेष सचिव पर गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच होगी।