राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन साल पुराना मामला उठाकर एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। गहलोत ने जहां एक तरफ वर्ष 2020 में बगावत करने वाले विधायकों को भाजपा से लिया पैसा लौटाने का सलाह देकर उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया, वहीं इस विवाद में भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को भी घसीट लिया।
उन्होंने बगावत करने वाले विधायकों से पैसा लौटाने की अपील कर पायलट को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिस वसुंधरा के खिलाफ पायलट जांच की मांग कर रहे थे, उन्हें गहलोत ने अपनी सरकार का संकटमोचक बताकर अपनी रणनीति भी साफ कर दी है।
वसुंधरा राजे भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की कवायद में जुटी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौकों पर खुद को राजनीति का जादूगर कह चुके हैं। ऐसे में गहलोत ने तीन साल पुराने इस विवाद का जिक्र कर एक साथ कई लोगों पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने यह आरोप लगाकर सचिन पायलट के हमलों की धार कमजोर हो सकती है।