सूर्य का सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। एक तरफ जहाँ Sun सूर्य को देवता माना जाता है ,वहीँ प्रकृति के लिए सूर्य के महत्त्व के बारे में सभी जानते हैं। ऐसे में ये विशेष लोग अगर सूर्य को रोजाना जल चढ़ाएं तो उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होगा।
Sun को जल चढ़ाना बहुत पुरानी परंपरा
नियमित सुबह Sun सूर्य को जल चढ़ाना और पूजा करना हमेशा से शुभ माना जाता है। यह परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। सूर्य को जल वैसे इन लोगों को खासकर चढ़ाना चाहिए –
- जिन जातको की कुंडली में सूर्य कमजोर हो।
- जिन लोगों में आत्म-विश्वास की कमी हो, और जो भीड़ में घबराते हों।
- निराशावादी और हमेशा जिनमें नकारात्मकता हावी रहती हो।
- जिन को हमेशा कोई अज्ञात भय सताता रहता है।
- जिनको घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान चाहिए।
कैसे जल अर्पित करें
- रोज सुबह जल्दी बिस्तर से उठ कर स्नान करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
- जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखें।
- तांबे के लोटे में जल के साथ लाल फूल, कुमकुम और चावल भी डालें।
- जल चढ़ाते समय सूर्य के मंत्र ‘ऊँ सूर्याय नम:‘ का जाप करना चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को देखें।
- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके सूर्य को जल चढ़ाए।
- इस बात का ध्यान रखें कि जल चढ़ाते समय जमीन पर गिरते समय जल आपके पैरों तक नहीं पहुंचना चाहिए। इसलिये किसी ऐसी जगह से सूर्य को जल चढ़ाएं, जहां से सूर्य को अर्पित किया गया जल किसी के पैरों में न आए।