संयुक्त राज्य अमेरिका USA की दिग्गज कंपनियों ने अस्थिर आव्रजन नीतियों को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सचेत किया है।
अमेरिका में एपल, पेप्सिको, मास्टरकार्ड और सिस्को सिस्टम्स जैसी दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों की सदस्यता वाले बिजनेस राउंडटेबल ने कहा है कि एच-1बी वीजा समेत आव्रजन की अन्य मौजूदा नीतियों से अमेरिकी कंपनियों की स्पर्धा को गहरा आघात लगेगा।
USA की नीतियों को लेकर
यूएसए USA की नीतियों को लेकर अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा मंत्री कर्स्टजेन नील्सन को लिखे पत्र में बिजनेस राउंडटेबल ने कहा कि अगर अमेरिका अपनी आव्रजन नीतियों पर इसी तरह अस्थिर बना रहा, तो देश के कंपनियों की स्पर्धात्मकता खत्म हो जाएगी।
पेप्सिको की चेयरपर्सन और सीईओ इंद्रा नूयी, एपल के सीईओ टिम कुक, मास्टरकार्ड के सीईओ अजय बंगा और सिस्को सिस्टम्स के चेयरमैन और सीईओ चक रॉबिन्स ने ट्रंप प्रशासन की वीजा और आव्रजन नीतियों को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की आव्रजन नीति में लगातार बदलाव से उन कर्मचारियों में असमंजस और तनाव पैदा होता है, जो कानून का सख्ती से पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड की इतनी कमी है कि कई बार कर्मचारी दशकों तक आव्रजन प्रक्रिया में ही फंसे रहते हैं।
अमेरिका की शीर्ष कंपनियों ने कहा कि उनके गैरवाजिब खर्च में कटौती करने और अमेरिकी कारोबार की दुश्वारियां खत्म करने के लिए बेहद जरूरी है कि चल रही प्रक्रिया के बीच में आव्रजन नीतियों में बदलाव नहीं किए जाएं।
उनका कहना था कि वर्तमान में कंपनियां यह तक नहीं जानतीं कि जिस वीजा का अनुमोदन पिछले महीने किया गया था, उसी की अवधि बढ़ाने संबंधी आवेदन अगले महीने स्वीकार किया जाएगा या नहीं।-एजेंसी