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संयुक्त किसान मोर्चा का दावा, ट्रैक्टर परेड के बाद से लापता हैं 100 से अधिक लोग , जांच के लिए बनाई 6 सदस्यीय समिति

किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोग लापता हैं और उसने इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया है।

एक बयान के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा लापता लोगों की जानकारी एकत्रित करेगा और मामले को औपचारिक कार्रवाई के लिए अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। उसने कहा कि लापता लोगों के बारे में कोई भी जानकारी 8198022033 फोन नंबर पर साझा की जा सकती है।


गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 जनवरी को हुई किसान यूनियनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी अवरोधकों को तोड़कर पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान कई वाहनों को पलट दिया गया था और ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगाया गया था। इस दौरान कई जगहों पर झड़प हुई थी, जो देखते ही देखते हिंसा में तब्दील हो गई।

संयुक्त किसान मोर्चा ने ‘झूठे और मनगढ़ंत’ आरोपों के आधार पर पत्रकारों एवं अन्य की गिरफ्तारी की निंदा की। मोर्चे ने दावा किया कि सरकार किसान आंदोलन की बढ़ती ताकत से डरी हुई है। इसके अलावा उसने दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने की भी आलोचना की।

बयान में कहा गया है कि ‘सरकार नहीं चाहती कि प्रदर्शनकारी किसानों को तथ्यों के बारे में पता चले…वह विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर किसान यूनियनों के समन्वित होकर काम करने से डरी हुई है और वह उनके बीच संचार को रोकने के प्रयास कर रही है। यह अलोकतांत्रिक और अवैध है।’

मोर्चे ने ‘प्रदर्शन स्थलों की घेराबंदी करके आम लोगों और मीडिया कर्मियों को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचने से रोकने पर भी सवाल उठाए।’ बयान में आरोप लगाया गया, ‘ऐसा भोजन और पानी की आपूर्ति को बाधित करने के लिए भी किया गया है।’

मोर्चे ने दावा किया कि शाहजहांपुर में आंदोलन में हिस्सा लेने वाले महाराष्ट्र के एक प्रदर्शनकारी की रविवार को मौत हो गई। बयान में कहा गया है, ‘शायरा पावरा केवल 21 साल की थी और उसके बलिदान को याद रखा जाएगा।

मोर्चे ने कहा कि सद्भावना दिवस घोषित किया गया है और पूरे देश में इसे मनाया गया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों ने भी किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा।

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