रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारत के प्राचीन चिंतन में वृक्षों की महिमा का प्रतिपादन किया गया। जब शेष दुनिया मैं मानव सभ्यता का विकास नहीं हुआ था,तब भारत में वृक्ष, नदी, जल, पर्यावरण आदि पर वैज्ञनिक शोध हो चुके थे। इसके निष्कर्षो को आधुनिक विज्ञान भी स्वीकार करता है। विश्व प्रकृति संरक्षण सम्मेलन में लोग भारत के पृथ्वी सूक्त को सुनकर आश्चर्यचकित रह गए थे। क्योंकि पर्यावरण संरक्षण का भारतीय विचार आज पहले से भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। इसके अलावा कोई अन्य मार्ग किसी के समझ में नहीं आ रहा है। उपभोगवादी संस्कृति ने प्रकृति का बेहिसाब दोहन किया है। इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस तथ्य को जानते है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पौधरोपण अभियान प्रारंभ किया था। इसका पहले ही कीर्तिमान बन गया था। इस बार योगी आदित्यनाथ अपने ही बनाये पौधरोपण कीर्तिमान को पीछे छोड़ने जा रहे है। इस पौधरोपण क्रांति के लिए तैयारी प्रगति पर है। योगी ने इसकी समीक्षा के साथ ही दिशानिर्देश भी दिए है।
उन्होंने जुलाई के प्रथम सप्ताह में पूरे प्रदेश में किसी एक दिन पच्चीस करोड़ वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं। श्रमिकों कामगारों को वृक्षारोपण कार्य में शामिल किया जाएगा। गंगा जी और अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में कृषकों द्वारा फलदार पौधों के रोपण रोपित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पौधों का रख रखाव व संरक्षण भी आवश्यक है। इसकी भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। वृक्षारोपण अभियान में राजकीय विभागों व सामाजिक संस्थाओं के साथ एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एण्ड गाइड, युवक मंगल दल, सिविल डिफेंस, नेहरू युवा केन्द्र आदि के अलावा, नौजवानों, व्यापारियों, स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों की भागादारी भी सुनिश्चित की जाएगी। वन और कृषि विभाग समन्वय करते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को पांच पांच पौधे उपलब्ध कराएंगे। किसानों के अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना आदि के लाभार्थियों को भी एक एक सहजन का पौधा रोपण के लिए वितरित किया जाएगा।इन्हें घरों के आस पास रोपित किया जाएगा। इससे पोषण की समस्या का भी समाधान होगा।
पौधारोपण अभियान के तहत जैव विविधता के उद्देश्य से एक दिन में जनपद लखनऊ में दो से तीन स्थानों पर एक सौ पचास से अधिक प्रजातियों के पौधों का रोपण प्रस्तावित है। यह एक रिकाॅर्ड होगा। वृक्षारोपण स्थलों की जियो टैगिंग भी की जा रही है। तीस करोड़ पौधे रोपण हेतु तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण के समय भीड़ एकत्रित न हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। पौधरोपण के दौरान दो गज की दूरी मास्क जरूरी कोरोना हारेगा भारत जीतेगा जैसे स्लोगन की गूंज होगी।