नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बॉलीवुड निर्देशक रेमो डिसूजा से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद के कारोबारी सत्येंद्र त्यागी को नोटिस जारी किया। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार और कारोबारी से जवाब मांगा है। पीठ ने आदेश दिया कि नोटिस ‘दस्ती’ तरीके से दिए जाएं।
साल 2016 में दर्ज हुआ था मामला
यह मामला साल 2016 का है, जब त्यागी ने डिसूजा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि डिसूजा ने इस वादे के साथ त्यागी को अपनी आगामी फिल्म ‘अमर मस्ट डाई’ में पांच करोड़ रुपये निवेश करने के लिए राजी किया कि फिल्म रिलीज होने के बाद निवेश की गई राशि दोगुनी हो जाएगी। लेकिन इस वादे को पूरा नहीं किया गया।
प्राथमिकी में क्या आरोप लगाए गए थे
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 386 (जबरन वसूली) के तहत दर्ज की गई थी। इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि त्यागी ने अपने पैसे मांगे तो डिसूजा ने उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रसाद पुजारी से डराने-धमकाने की धमकी दी।
डिसूजा को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
इसके बाद गाजियाबाद के अतिरिक्त मुख्य मजिस्ट्रेट ने अक्तूबर 2020 में इस मामले का संज्ञान लिया। फिर डिसूजा ने उनके आदेश को चुनौती देने और कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया। हालांकि, 23 अगस्त 2023 को उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। जस्टिस राजीव मिश्रा की पीठ ने कहा कि डिसूजा ने मामले में दायर आरोपपत्र को चुनौती नहीं दी है, जिससे अदालत से उन्हें राहत मिलना मुश्किल है।
सुप्रीम कोर्ट ने डिसूचा की याचिका पर क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने आज डिसूज की याचिका पर सुनवाई की और नोटिस जारी किए। कोर्ट ने कहा, ‘नोटिस जारी किए जाएं, जो 22 नवंबर को वापस आने हैं। केवल दस्ती सेवा (हाथ से नोटिस देना) की अनुमति है।’ रेमो डिसूजा फिल्मी दुनिया के जाने माने चेहरे हैं, उन्हें कोरियोग्राफर, फिल्म निर्देशक और निर्माता के रूप में जाना जाता है। 25 वर्षों के करियर में डिसूजा ने सौ से अधिक फिल्मों की कोरियोग्राफी की है और बॉलीवुड के सबसे सफल कोरियोग्राफरों में एक के रूप में प्रसिद्धी हासिल की है।