कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से यूपीआई भुगतान प्रणाली के जरिए लेन-देन में जारी तेजी मार्च में थम गई और यूपीआई लेन-देन में गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) तत्काल भुगतान प्रणाली है। रिजर्व बैंक के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार आरटीजीएस (तत्काल सकट निपटान) लेन-देन फरवरी के मुकाबले में मार्च में 34फीसदी बढ़कर 120.47 लाख करोड़ रुपये हो गया।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक मार्च में यूपीआई लेन-देन की संख्या घटकर 124.68 करोड़ रह गई, जबकि फरवरी में 132.57 करोड़ थी। इसी तरह यूपीआई लेन-देन का मूल्य भी फरवरी महीने के 2.23 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च में 2.06 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, कुछ महीनों को छोड़ दें तो यूपीआई लेन-देन की संख्या और मूल्य दोनों लगातार बढ़े हैं।
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) लेनदेन की संख्या भी मार्च में घटकर 21.68 करोड़ रह गई, जबकि फरवरी महीने में ये आंकड़ा24.78 करोड़ था। इस दौरान लेन-देन का मूल्य 2.14 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2.01 लाख करोड़ रुपये रह गया।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोरोना की महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था, जिससे यूपीआई लेनदेन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हालांकि, लॉकडाउन के वास्तवित असर का पता अप्रैल के आंकड़े आने के बाद पता चलेगा।