चीन की आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपीन ने दक्षिण चीन सागर में पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण फैसला किया है। इसके तहत रविवार को क्षेत्र में सभी देश अपना पहला साझा नौसैन्य अभ्यास आयोजित करने जा रहे हैं। यह अभ्यास चीन के क्षेत्रीय दावों पर जोर देने की आक्रामक कार्रवाईयों से पैदा चिंताओं के बीच हो रहा है।
एक साझा बयान में कहा कि चारों संधि सहयोगी देश और सुरक्षा साझेदार हिंद-प्रशांत क्षेत्र की नींव है और नौवहन की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए यह अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने साझा बयान में चीन का नाम नहीं लिया लेकिन चारों देशों ने अपने रुख की पुष्टि की कि 2016 का अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसला, जिसने ऐतिहासिक आधार पर चीन के व्यापक दावों को अमान्य कर दिया था, अंतिम और कानूनी रूप से बाध्यकारी है। जबकि चीन ने मध्यस्थता में भाग लेने से इन्कार करते हुए इस फैसले को खारिज कर दिया है और लगातार इसकी अव्हेलना कर रहा है। एजेंसी
फिलीपीनी समुद्र में हमले
फिलीपीन ने शनिवार को कहा कि सैन्याभ्यास से ठीक पहले चीन के दो तटरक्षक जहाजों ने दक्षिण चीन सागर में मनीला के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर हमले किए। फिलीपीनी प्रवक्ता जे तारिएला ने बताया कि इरोक्वाइस रीफ में तटरक्षक जहाज ने अपनी पानी के तोपों को तैनात करने के साथ फिलिपिन के मछुआरों को पहले धमकाया और फिर उनकी नौकाओं पर पानी की तेज बौछारें छोड़कर हमले किए।
राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान जरूरी
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा, राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए सम्मान और सहमति जरूरी है। यह हमारे क्षेत्र की स्थिरता को रेखांकित करते हैं। बता दें, तनावपूर्ण समुद्री गतिरोध के बाद फिलीपीन 2013 में चीन से अपने विवादों को वैश्विक मध्यस्थता में ले आया, जिस पर चीन आपत्ति जताता रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रतिबद्धता आवश्यक
जापान ने मनीला में अपने दूतावास में कहा कि वह दक्षिण चीन सागर अभ्यास के लिए अपने विध्वंसक जेएस अकेबोनो को तैनात करेगा, जिसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण और अन्य सैन्य युद्धाभ्यास शामिल होंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एक अलग बयान में कहा कि अभ्यास अंतरराष्ट्रीय कानून को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का हिस्सा है।