लालगंज/रायबरेली। कोविड जैसी महामारी हो या फिर सामान्य हालात में प्रतिदिन हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाले 102 व 108 एम्बुलेंस का शोषण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आलाअधिकारियों की सांठगांठ से सेवा प्रदाता कम्पनी न तो शासनादेश के मुताबिक वेतन दे रही है और न ही अन्य लाभ। जबकि जान को हथेली में लेकर एम्बुलेंस चालक 12-12 घंटे सेवा दे रहे हैं।
एम्बुलेंस चालकों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर स्वास्थ्य विभाग के आलाअधिकारियों एव सेवा प्रदाता कम्पनी की सांठगांठ का भंडाफोड़ किया है। बताया गया है कि सेवा प्रदाता कम्पनी कर्मचारियों से किए गये अनुबंधों व शर्तों के अनुसार पारिश्रमिक का भुगतान नहीं कर रही है। शासन द्वारा निर्धारित मिनिमम वेज यानी बेसिक पे नहीं देती। मात्र 6500 रूपये मासिक वेतन ही प्रदान कर रही हैै। समय-समय पर घोषित मंहगाई भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर स्वास्थ्य विभाग के आलाअधिकारियों व सेवा प्रदाता कम्पनी की सांठगांठ का चालकों ने किया भंडाफोड़
चालको ने बताया कि इस आशय की शिकायत विभागीय डायरेक्टर जनरल हेल्थ, डीजी परिवार कल्याण व एनएचआरएम मिशन निदेशक से की जा चुकी है। लेकिन सेवा प्रदाता की गहरी सांठगांठ होने के कारण उनकी फरियाद रद्दी की टोकरी में डाल दिये जाने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री को भेजे गये शिकायती पत्र में अपने शोषण की जानकारी देते हुए चालक अतुल सिंह, विशाल, सुशील कुमार देवेन्द्र पाल राजेन्द्र आदि ने लिखा है कि ग्रेज्युटी भुगतान आदि का भुगतान नहीं किया गया है। पायलटों ने मुख्यमंत्री से कोविड ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की तरह उन्हे 25 प्रतिशत बढे़ पारिश्रमिक का भुगतान कराने की मांग की है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा