नरेंद्र मोदी सरकार देश की सामरिक मजबूती के प्रति गम्भीर रही है। इस संबन्ध में दो चरणों की रणनीति बनाई गई थी। पहली सेना के लिए तत्कालिक जरूरत की सुविधाएं व संसाधन उपलब्ध कराना। इसमें अनेक रक्षा समझौतों को अंजाम तक पहुंचाना शामिल था। दूसरे चरण में भारत को लड़ाकू विमानों,हथियारों का निर्यातक बनाने का मंसूबा था। दोनों ही पहलुओं पर कार्य चलता रहा। इसके अलावा सीमाओं पर सड़क,पुल व बेस बनाने का कार्य भी चलता रहा। चीन की परेशानी का कारण भी यही था। उसने राफेल डील के समय भी अनेक प्रकार के गतिरोध पैदा करने के प्रयास किये थे। इसी प्रकार उसने रूस के साथ भारत की रक्षा डील रुकवाने की कोशिश की थी। इस बात का खुलासा स्वयं रूस ने किया है।
नरेंद्र मोदी सरकार इन सभी तथ्यों से अवगत थी। राफेल में भारतीय भौगोलिक परिस्थियों के अनुरूप सुधार किए गए। चीन इसकी जानकारी के लिए भी परेशान था। लेकिन उसकी कोई चाल सफल नहीं हुई। राफेल की डील देश के हित में थी। वायु सेना में मजबूती की ओर पहले अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया था।
जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल के प्रारंभ में सामरिक जरूरतों की योजना बनाई थी। इसके अनुरूप निर्णय लिए गए। इसी का परिणाम है कि राफेल विमान अम्बाला पहुंच गए। उन्हें विधिवत भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा,राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम्”
अर्थात राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं. बता दें कि नभः स्पृशं दीप्तम् भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है. नभ:स्पृशं दीप्तमनेकवर्ण व्यात्ताननं दीप्तविशालनेत्रम्। दृष्ट्वा हि त्वां प्रव्यथितान्तरात्मा धृतिं न विन्दामि शमं च विष्णो।
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं,
राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,
राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो,
दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्…
स्वागतम्! #RafaleInIndia pic.twitter.com/lSrNoJYqZO— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कहा कि भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।
राफेल विमानों के अंबाला एयरबेस पर लैंड करने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,’बर्ड्स अंबाला में सुरक्षित उतर गए हैं। यह मल्टीरोल वाले विमान वायुसेना की क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सेवेन्टीन गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन उदयम आश्रम के अपने आदर्श वाक्य को जारी रखेंगे। मुझे बेहद खुशी है कि भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता को समय पर बढ़ावा मिला।
