पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में बीते बुधवार को एक मिनीबस में आग लगने और उसमें ताल लोगों के जलकर मर जाने के मामले में हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के श्रम विभाग ने भी कड़ा रुख अपनाया है। महाराष्ट्र सरकार के श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अभय गीते बताया है कि विभाग के अधिकारियों को व्योमा ग्राफिक्स फैक्ट्री में भेजा गया है, जहां श्रम कानूनों के तहत जांच की जाएगी।
और क्या बोले श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त
श्रम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अभय गीते ने आगे कहा कि जांच के दौरान अगर हमें पता चलता है कि वहां किसी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है तो हम उन पर मुकदमा करेंगे। घटना में मारे गए चार कर्मचारियों को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। अभय गीते ने कहा कि मृतक चारों कर्मियों के लिए हमारी प्राथमिकता यह है कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को वर्कमैन कम्पनसेशन एक्ट के तहत अपेक्षित लाभ मिले, इसके लिए वर्कमैन कम्पनसेशन कमिश्नर को एक पत्र भेजा गया है।
आगे उन्होंने बस ड्राइवर के द्वारा फैक्ट्री प्रबंधन पर लगाए गए आरोपों को लेकर कहा कि हम यह भी जांच करेंगे कि भुगतान और बोनस दिए गए थे या नहीं, बस मोटर परिवहन वाहन अधिनियम के तहत पंजीकृत थी या नहीं। साथ ही हम यह भी जांच करेंगे कि श्रम कानूनों का पालन किया जा रहा था या नहीं। अगर कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो हम फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
कब हुई घटना
यह घटना बुधवार को हिंजवाड़ी इलाके में हुई थी। जब मिनीबस में अचानक आग लग गई। बस में बैठे सभी यात्री व्योमा ग्राफिक्स कंपनी के कर्मचारी थे। पिंपरी-चिंचवड़ के डीसीपी विशाल गायकवाड़ ने बताया, सुबह 7:30 बजे 112 नंबर पर कॉल आया कि हिंजवाड़ी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक मिनीबस में आग लग गई है, जिसमें कुछ यात्रियों की मौत हो गई है और अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो चार लोगों की मौत हो चुकी थी और छह घायलों थे। प्रारंभिक जांच में ऐसा लगा कि बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी।