औरैया। बिधूना के जवाहर नगर में एक शादी में हंसी-खुशी का मौक़ा तब एक बवाल में बदल गया जब दूल्हे ने अपनी वरमाला को तोड़ कर फेंक दिया। उसकी इस हरक़त से नाराज़ होकर दुल्हन ने भी शादी करने से मना कर दिया। नतीजा ये हुआ कि बारात को बिना दुल्हान के ही बैरंग वापिस जाना पडा।
हुआ कुछ यूँ कि….
दरअसल, बिधूना से छिबरामऊ के बेलापुर निवासी वीरेंद्र और उनके पुत्र आकाश वाचन की बारात लेकर कस्बे के मोहल्ले जवाहर नगर में पहुँचे थे। वहाँ नीमकरोरी गेस्ट हाउस में बारात ने डेरा डाला हुआ था। नाश्ता, खाना होने के बाद रात के क़रीब 2.20 बजे वर और वधू पक्ष के रिश्तेदारों की मौजूदगी में हंसी खुशी से जयमाल हुआ। यहाँ तक तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था। शादी में आए लोगों के मुताबिक, फेरे पड़ने से कुछ पहले, अचानक दूल्हे ने अपना सेहरा उतार कर फेंक दिया और जयमाल तोड़ डाली। यही नहीं दातों से अपने हाथों को काटने लगा।
दुल्हन ने कहा-“लड़का पागल है, मैं शादी नहीं करूंगी”
यह बात जब दुल्हन को पता चली तो उसने आकाश को पागल करार देते हुए शादी से इंकार कर दिया। दुल्हन के शादी से इंकार करने पर दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। बुधवार को दिन में करीब 1:00 बजे तक सुलह समझौता का प्रयास चला लेकिन, लड़की फिर भी राज़ी नहीं हुई।बारात को बैरंग वापस लौट जाना पड़ा लड़की का कहना था कि जयमाल के बाद आकाश ने जयमाल तोड़ दी। वह चेहरा देखकर अपने हाथों को दांतों से काटने लगा। लड़का पागल है मैं उससे शादी नहीं करूंगी।
नेग में नहीं मिले थे 1100 रुपए-
आकाश ने कहा कि मैंने ना जयमाल तोड़ी और ना सेहरा उतार कर फेंका। मैं शादी के लिए तैयार हूं पर लड़की पक्ष के लोग शादी से इंकार कर रहे हैं। उधार लड़के के बहनोई धर्मेंद्र ने कहा कि जयमाल तोड़ने की बात घलत है। खाना खाने के समय जब लड़के ने 11 सो रुपए की मांग की तो लड़की पक्ष के लोगों ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए देने से इनकार कर दिया। बाद में शादी करने से इनकार करने लगे। हम लोग शादी करने के लिए तैयार है। लड़के के रिश्तेदारों के प्रयास के बाद भी लड़की व उसके परिवार वाले शादी को राजी नही हुए तब बारात अपने निवास स्थान पर बैरंग लौट गयी।
रिपोर्ट अनुपमा सेंगर