उत्तर भारत के किसी मुख्यमंत्री को सुदूर दक्षिण केरल में ऐसा जन उत्साह देखने को नहीं मिला था। वैसे भी अपवाद छोड़ दें तो मुख्यमंत्रियों की एक सीमा होती है। दूसरे प्रदेशों में जन मानस को प्रभावित करने उनके लिए मुश्किल होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूसरे प्रदेशों की यात्रा मिसाल के तौर पर दर्ज हो रही है। अनेक प्रदेशों में वह भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में गए। वह जहां भी गए वहां उनकी पार्टी को लाभ मिला। सभी जगहों पर योगी आदित्यनाथ सुशासन की बात करते है। उनकी बात पर लोग विश्वास करते है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में उन्होंने ऐसा करके दिखाया है। योगी मॉडल की सराहना विदेशों तक हुई है। जब वह अहमदाबाद में भाग्यनगर की बात करते है,तब भी लोग विश्वास करते है,क्योंकि उत्तर प्रदेश में योगी ने ऐसा करके दिखाया है। पांच सदियों के बाद इलाहाबाद में नहीं हुआ, बल्कि यह भव्य दिव्य कुम्भ प्रयागराज में हुआ था। केरल में भी योगी आदित्यनाथ को भारी जनसमर्थन मिला। इसके लिए उन्होंने केरल का धन्यवाद किया।
कम्युनिस्टों का कुशासन
केरल में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे कोविड मैनेजमेंट की सराहना डब्ल्यूएचओ तक ने की, आखिर कोविड नियंत्रण केरल में क्यों नहीं होता है। केरल की सरकार पहले यूपी के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हंसती थी,लेकिन आज दुनिया कोविड प्रबंधन में फेल होने के लिए केरल की सरकार पर हंस रही है। केरल सरकार को जनता के सामने इसका जवाब देना चाहिए। सबरीमाला प्रकरण पर केरल सरकार ने जनभावनाओं का अपमान किया है। यही सरकार कुछ ऐसे संगठनों को अराजकता फैलाने की छूट दी देती है,जो यहां के मंदिरों और चर्चों पर हमला करके जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। इस राज्य में सत्ता के संरक्षण में अराजकता व्याप्त है। असमजीत तत्वों तत्वों दुस्साहस बुलंदी पर है। यहां आरएसएस के कार्यक्रमों पर पोस्टरबाजी की थी। इस प्रकार की साजिश का हिस्सा यहां की सरकार बन रही। उसके खिलाफ सतर्क होकर प्रत्येक केरलवासी को जागरूक करना होगा। केरल की सरकार सबरीमाला के प्रकरण में जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करती है। जबकि उत्तर प्रदेश में जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर के निर्माण के कार्य का शुभारंभ किया है। यह केवल मंदिर नहीं, बल्कि भारत की आस्था को सम्मान देने का कार्य किया है।
जनआकांक्षा का उल्लंघन
योगी आदित्यनाथ ने केरल की कम्युनिस्ट सरकार पर जनविरोधी होने का आरोप लगाया। क्योंकि यह सरकार राजनीतिक दुर्भावना चलते केंद्र की गरीब कल्याण योजनाओं को लागू नहीं कर रही है। जबकि उत्तर प्रदेश में हमने चार साल में चार लाख लोगों को सरकारी नौकरी पूरी पारदर्शिता के साथ दी है। केंद्र सरकार की मदद से यूपी में तीस नए मेडिकल कॉलेज,चालीस लाख गरीबों को पीएम आवास,एक करोड़ अड़तीस लाख से अधिक लोगों को बिजली कनेक्शन,दो करोड़ इकसठ लाख से अधिक लोगों को शौचालय दिया गया है। यही नहीं,आयुष्मान भारत के तहत दस करोड़ लोगों को पांच लाख स्वास्थ्य बीमा का कवर भी दिया है। आखिर केरल में इन योजनाओं का लाभ क्यों नहीं हो पा रहा है। क्योंकि केरल की सरकार रुचि नहीं लेती है। केरल में केवल कम्युनिस्ट कैडर का विकास हो रहा है। यहां गरीबों को आवास, शौचालय,आयुष्मान भारत योजना आदि का लाभ नहीं मिल रहा है।
तुष्टिकरण की पराकाष्ठा
योगी आदित्यनाथ ने केरल की कम्युनिस्ट सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। कहा कि करीब बारह वर्ष पहले केरल की उच्च न्यायालय लव जिहाद को लेकर चेताया था, लेकिन यहां की सरकार ने आज तक कोई काम नहीं किया। उसमें ऐसा करने का साहस नहीं है। जबकि उत्तर प्रदेश में कुछ ही मामले आए थे,उसके रोकने के लिए सख्त कानून बनाकर कार्यवाही करना शुरू कर दिया। लव जेहाद केरल जैसे राज्य को इस्लामिक राज्य बनाने की साजिश का हिस्सा है। हमें इसके खिलाफ जागरूक होना पड़ेगा। इसीलिए आज केरल की आवश्यकता है भाजपा। भाजपा न केवल आपको समृद्धि का, बल्कि हर किसी को बिना भेदभाव के सुरक्षा की गारंटी भी देगी।
सीपीएम की सरकार देश विरोधी संगठनों का पालन पोषण कर रही है। इन संगठनों को अराजकता फैलाने की खुली छूट दे रही है। ये देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए भी गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं।