24 मार्च को पीएम मोदी द्वारा घोषित 21 दिन का लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने जा रहा है ऐसे लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या लॉकडाउन आगे जाएगा या फिर लोगों को राहत मिलेगी। बता दें कि जिस तरह से कोरोना के मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए केंद्र सरकार चिंतित है और लॉकडाउन को लेकर लगातार मंथन कर रही है।
दरअसल एक बार लॉकडाउन हटा तो लोगों की भीड़ देखी जा सकती है ऐसे में बीते लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे में केंद्र सरकार लगातार राज्यों से इस बारे में मंथन कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मसले पर चर्चा कर चुके हैं। मुख्यमंत्रियों से बैठक में ये भी कहा गया था कि जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन पर प्लान भेजा जाए। इस तरह की तमाम जानकारियों का मूल्यांकन करने के बाद केंद्र सरकार बाकायदा एक खाका बनाने की तैयारी में है कि आखिर लॉकडाउन पर आगे क्या किया जाए।
केंद्र सरकार लॉकडाउन के परिणामों से संतुष्ट नजर आ रही है और तमाम पहलुओं पर विचार कर हर मुमकिन कदम उठा रही है। हालांकि 14 अप्रैल के बाद पूरे देश में लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, ऐसा कम ही लग रहा है। बता दें कि 14 अप्रैल के बाद पूरे देश से एक साथ लॉकडाउन खत्म होने की संभावना नहीं है।
मुमकिन है कि जिन जगहों पर कोरोना के संक्रमित पाए गए हैं वहां लॉकडाउन जारी रखा जाए। यानी देश के वो इलाके जहां-जहां से कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं और भविष्य में वहां कोरोना के फैलने की आशंका है वैसे इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की सरकार की योजना है। सरकार इस बात की भी योजना बना रही है कि लॉकडाउन हटाए जाने की स्थिति में भी धारा 144 को लागू रखा जाए ताकि भीड़ के जमा होने पर लगाम लग सके और कोरोना के फैलने का खतरा लॉकडाउन के बाद भी न बढ़े।
आपको बता दें कि जिस तरह लॉकडाउन के बाद भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए सरकार लॉकडाउन को हटाने या बनाये रखने पर लगातार मंथन कर रही है। रेल और हवाई यात्रा को लेकर भी सरकार ने मंथन किया है। सूत्रों के मुताबिक, रेल और हवाई सेवा पर रोक 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकती है। जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल तक ये दोनों सेवाएं बंद रखी जा सकती हैं। इसके अलावा बस सेवा भी बंद रखने का भी प्लान है। प्राइवेट गाड़ियों पर भी रोक जारी रखने की योजना है। फिलहाल अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। राज्य के हालातों पर रिपोर्ट मांगी जा रही है, राज्यों के मौजूदा हालात देखते हुए ही इसपर फैसला होगा
फिलहाल इन तमाम मसलों पर राज्य सरकारों का एक्शन प्लान आना अभी बाकी है। बताया जा रहा है कि इस सप्ताह के आखिर तक जिला प्रशासन के मूल्यांकन के आधार पर सभी राज्य अपनी-अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे, जिसके आधार पर मोदी सरकार रोडमैप तैयार करेगी।