आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल व अनियमित खानपान की वजह से दुनिया भर में फैट की चर्बी एक बड़ी समस्या बन चुका है। जंक फ़ूड का ज्यादा मात्रा में सेवन व फिजिकल अभ्यास न करना व डेस्क नौकरी की वजह से लगातार सीट पर ही बैठे रहने की वजह से कई लोगों के लिए फैट की चर्बी बड़ी कठिनाई की वजह बन चुका है ।
सारे दुनिया में मोटापे को एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जा रहा है। व यह कई प्रकार के कैंसरों के लिए जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं में उपस्थित एएचआर नामक एक रिसेप्टर (रसायन) की खोज की है जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करता है। इस रसायन को अवरुद्ध करने के लिए एक दवा की भी खोज की गई है जो वसा के संग्रहण को रोककर मोटापे से लड़ने में मदद करती है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित शोध के अनुसार मोटापे की महामारी को रोकने व कई कैंसर के उपचार में यह रसायन मददगार साबित होने कि सम्भावना है। अमेरिका के डार्टमाउथ हिचकॉक नॉरिस कॉटेन कैंसर सेंटर के शोधकर्ता क्रेग टॉमलिंसन ने कहा, जब हमने एनएफ नामक एक दवा को उच्च वसा वाले खाने में डालकर उसे चूहे को खिलाया तो हमने पाया कि ये चूहे उन चूहों की तुलना में जरा से भी मोटे नहीं हुए जिन्होंने कम वसा वाला खाना खाया था।