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भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान


लखनऊ। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को अत्यंत गरिमामय स्थान प्राप्त है। भारतीय कला के विविध आयाम भी इसकी पुष्टि करते है। महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि यह विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे। हज़रतगंज स्थित चिड़ियाघर में राज्य संग्रहालय लखनऊ द्वारा वार्षिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मिशन शक्ति के अंतर्गत मूर्ति एवं चित्रकला में मातृशक्तियां विषय पर अस्थाई प्रदर्शनी की आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन महापौर श्रीमती संयुक्ता ने किया।

प्रदर्शनी में संग्रहालय में संग्रहित मूर्ति एवं चित्रकला में निरूपित मातृशक्तियों के विविध स्वरूपों यथा चामुंडा वैष्णवी, सप्तमातृका, वाराही, सरस्वती, सर्वमंगला माहेश्वरी, गजलक्ष्मी आदि स्वरूपों के साथ साथ चित्रों के रूप में राधा कृष्ण, महिषासुर मर्दिनि, राधा के पैर से कांटा निकलते कृष्ण, बिहारी सत्सई, बिलावल रागिनी, यशोदा के साथ साथ कृष्ण आदि को दर्शाया गया।

महापौर ने संग्रहालय में प्रदर्शित सभी चित्रों का अवलोकन किया। जिसका विस्तारपूर्वक वर्णन संग्रहालय की सहायक निदेशक डॉ मीनाक्षी खेमका ने किया।इस अवसर पर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण हेतु मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति की शुरुवात पिछले वर्ष नवरात्रि के दिन हुई थी।

भारत मे महिलाओं को देवी और शक्ति का स्वरूप माना गया है और यहां प्रस्तुत प्रदर्शनी में भी मूर्ति एवं चित्रकला में निरूपित देवियों और मातृशक्तियों की प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया गया है।महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु राज्य और केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है।महिलाओं को सशक्त करने के लिए सरकार पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित है। इस अवसर पर महापौर संग संग्रहालय के निदेशक डॉ.  आनंद कुमार सिंह,सहायक निदेशक डॉ. मीनाक्षी खेमका सहायक निदेशक डॉ. रेणु द्विवेदी, अलशाज फातिमा, शालिनी श्रीवास्तव, अजय यादव, विनय कुमार सिंह, श्रवण कुमार सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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