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पैदल मार्ग पर बेलचा-फावड़ा से बर्फ हटाने में जुटे मजदूर, हिमखंड जोन सक्रिय होने का खतरा

16 किमी लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर 12 किमी हिस्से पर जमी तीन से पांच फीट बर्फ की सफाई का काम शुरू हो गया है, लेकिन मौसम की बेरुखी काम में आड़े आ रही है। 50 मजदूर बर्फ की सफाई में जुटे हैं। पैदल मार्ग पर हिमखंडों के सक्रिय होने से बर्फ खिसकने का खतरा बना है।

बीते एक से तीन मार्च के बीच हुई बर्फबारी से केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर धाम तक बर्फ जमी है। पैदल मार्ग पर इस बार जंगलचट्टी से ही तीन फीट से अधिक बर्फ जमी है। भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, छानी कैंप तक पांच से सात फीट तक बर्फ जमी है। रुद्रा प्वाइंट से केदारनाथ तक पांच किमी क्षेत्र में भी पांच से आठ फीट तक बर्फ जमी है।

शीतकाल में केदारनाथ की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस और आईटीबीपी के जवान पानी से जुड़ी जरूरतों को बर्फ पिघलाकर पूरा कर रहे हैं। धाम में पेयजल लाइन भी जम रखी है। इधर, लोनिवि, गुप्तकाशी डिवीजन ने 50 मजदूरों के साथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से बर्फ सफाई का काम शुरू कर दिया है।

दो-तीन टोलियों में मजदूर बर्फ को साफ कर रहे हैं। अत्यधिक बर्फ होने के कारण उन्हें काफी मुश्किल हो रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से हालात हैं, उसमें काम करने में काफी दिक्कत हो रही है। मौसम ठीक रहा और चटक धूप खिली रही, तो भी बर्फ पिघलने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।

पैदल मार्ग पर टीएफटी चट्टी, कुवेर गदेरा, भैरव गदेरा, हथनी गदेरा सहित छह हिमखंड जोन भारी बर्फ के कारण सक्रिय हैं। यहां 25 से 40 फीट लंबाई और 40 से 60 फीट तक ऊंचाई वाले क्षेत्र में हिमखंड पसरे हैं। ऊंचाई से बर्फ खिसक कर तेजी से नीचे की तरफ आ रही है, जिससे बर्फ को काटकर रास्ता बनाना आसान नहीं है।

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