लखनऊ। भाषा विश्वविद्यालय में आज कुलपति प्रो एनबी सिंह के निर्देशन में आयुर्वेद पर एक विशेष व्याख्यान सम्पन्न हुआ जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को आयुर्वेद के बारे में विस्तार से बताया गया।
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यह कार्यक्रम ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और विज्ञान भारती शक्ति तथा नस्या के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। अपने व्याख्यान में मुख्य वक्ता डॉ प्रीति मिश्रा ने विद्यार्थियों को आयुर्वेद के सभी आयामो से अवगत कराया और ये समझाया कि कैसे जीवनशैली इससे प्रभावित होती हैं।
डॉ प्रीति ने यह भी बताया कि इसे हम दवा की तरह कैसे उपयोग कर सकते हैं। डॉ प्रीती एक आयुर्वेदिक एस्ट्रोलॉजर और फिजिशियन हैं, जो कि गोयल इंस्टिट्यूट में सहायक आचार्य है। साथ ही विज्ञान भारती अवध प्रान्त नस्य की संयोजिका भी है।
इसी क्रम में बात करते हुए दूसरे मुख्य वक्ता डॉ आशीष जायसवाल ने विद्यार्थियों को व्यवसाय में आयुर्वेद की जगह और इसके नए स्तर से अवगत कराया। उन्होंने कहा आयुर्वेद चिकित्सा नही जीवनशैली है जो आपको जीवनयापन में भी सहायता करता है।
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डॉ आशीष बाबू युगराज सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में सह आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही विज्ञान भारती अवध प्रान्त नस्य के अध्य्क्ष भी हैं। विद्यार्थियों से बात चीत करते हुए दोनों स्पीकर्स ने उनके सभी प्रश्नों का जवाब दिया और इससे विद्यार्थियों के आयुर्वेद का ज्ञान वर्धन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रो एहतेशाम अहमद सर ने कहा आयुर्वेद हमारे साथ बरसों से है। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि हमें ज़रूर जानना चाहिए कि दादी नानी के नुस्खे कैसे काम करते हैं। कार्यक्रम का संयोजन डॉ ममता शुक्ला तथा प्रो संजीव त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रो सौबांन सईद, डॉ आर के त्रिपाठी, डॉ नीरज शुक्ल, डॉ मनीष, डॉ शान इत्यादि ने सहभागिता की। इसमे विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया।