देवउठनी एकादशी के मौके पर शुक्रवार को दिल्ली में लगभग पांच हजार शादियां होंगी। साथ ही मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्ण दत्त शर्मा ने बताया कि आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि देवशयनी को भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं।
देवउठनी एकादशी के मौके पर मंदिरों में भी तुलसी विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसको लेकर बैंड-बाजे के साथ शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। मंदिरों में अलग से तैयारियां की जाती हैं।
दिल्ली में फिर से शादियों के सीजन शुरू होने को लेकर कैटरिंग का काम करने वालों ने खुशी जाहिर की है। शाहदरा इलाके में कैटरिंग का कारोबार करने वाले मोती ने बताया कि बीते दो वर्षों में कोरोना के चलते #शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर कई बार प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इस बार पूरा सीजन बुक है। किसी प्रकार प्रतिबंध नहीं है। लोगों की ओर से पहले की तरह कैटरिंग का सामान तैयार करने को ऑर्डर प्राप्त हुए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में हजारों शादियां होने की वजह से शुक्रवार को कई इलाकों में जाम लगने की संभावना है। खासतौर पर, दिल्ली के वे इलाके जहां फार्म हाउस और बैंक्वेट हॉल मौजूद हैं, उनके आसपास ज्यादा दिक्कत हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को सुझाव दिया है कि जरूरी काम से जा रहे हैं तो घर से जल्दी निकलें। इसके अलावा, सड़कों पर वाहन खड़ा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
भगवान के निद्रा में जाने के बाद से शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य चार महीने के लिए बंद हो जाते हैं। उसके बाद फिर कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देवउठनी #एकादशी के दिन उठते हैं। इस दिन से शादियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। शादियों के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि शादी की विवाह की कोई तारीख न मिलने की वजह से ज्यादातर लोग इस दिन को शादी करना अच्छा मानते हैं।