बदलते माैसम में जोड़ों में अकड़न और दर्द की समस्या आम हो जाती है. ऐसे में आर्थराइटिस के मरीजों को भी जोड़ों में दर्द की तकलीफ बढ़ जाती है. कुछ प्रमुख योगासनों की मदद से जोड़ों व मांसपेशियों में अकड़न, दर्द और सूजन की कठिनाई में राहत मिलती है. गोमुखासन, सेतुबंधासन व वृक्षासन को किया जा सकता है.
गोमुखासन
अंगुलियों से लेकर कंधे, गर्दन, रीढ़ या कूल्हे के जोड़ में दर्द को कम करने में यह आसन मददगार है.
ऐसे करें:
सुखासन में बैठकर बाएं पैर की एड़ी को दाईं ओर कूल्हे के पास रखें. दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर से लाते हुए ऐसे बैठें कि दोनों पैरों के घुटने एक-दूसरे पर आ जाएं. दाएं हाथ को सिर की तरफ से पीठ की ओर लाएं. बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए पेट की तरफ से घुमाकर पीठ की ओर ले जाएं. पीछे से दोनों हाथ मिलाएं. कुछ देर इस स्थिति में रुककर प्रारंभिक अवस्था में आएं.
ध्यान रखें : कंधे, पीठ, गर्दन, कूल्हों या घुटनों में कोई कठिनाई हो तो यह आसन न करें.
सेतुबंधासन
यह आसन खासकर पीठ व पैर की मांसपेशियों के अतिरिक्त हाथों को मजबूती देता है.
ऐसे करें: पीठ के बल लेटकर हाथों को कमर के बराबर में रखकर सामान्य सांस लें. पैरों को घुटनों से मोड़ें और हाथों को कमर के नीचे से ले जाते हुए एडिय़ों को पकड़ लें. कंधे और गर्दन को जमीन पर टिकाकर रखें व कमर और कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं. कुछ देर इसी अवस्था में रहते हुए सामान्य सांस लें. फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं.
ध्यान रखें: खाली पेट एक्सरसाइज न करें. पूर्व में पेट, कमर या गर्दन से जुड़ी सर्जरी हुई हो तो इसे न करें.
वृक्षासन
सिर से लेकर पंजों तक हर तरह की मांसपेशियों में मजबूती आने व रक्तसंचार अच्छा होने से दर्द का अहसास कम होगा.
ऐसे करें:
दोनों पैरों के बीच दो इंच का गैप रखकर सीधे खड़े हो जाएं. आंखों के सामने किसी बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें. सांस बाहर छोड़ते हुए दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाएं पैर की अंदरुनी जांघ पर रखें. एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखें कि एड़ी मूलाधार (शरीर में उपस्थित सबसे निचला चक्र) से मिली हो. सांस लेते हुए दोनों हाथ ऊपर लाएं और हथेलियां आपस में जोड़ लें.क्षमतानुसार करें.