राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ट्विटर हैंडल से लिखा है था कि 10 वर्ष ढूंढने के बाद आखिरकार आतंकवादी हाफिज सईद को अरैस्ट कर लिया गया. इस पर अमेरिकी विदेश मामलों की समिति ने जवाब देते हुए बोला कि 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद को ढूंढा नहीं गया है. वह पिछले 10 वर्ष से पाक में खुलेआम घूम रह रहा था.
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- पाकिस्तान पुलिस ने हाफिज को बुधवार को अरैस्ट कर लिया. वह लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था. पाक के पंजाब प्रांत के सीएम दफ्तर के मुताबिक, सईद को गुजरांवाला से हिरासत में लिया गया. उस पर प्रतिबंधित संगठनों के लिए फंड इकट्ठा करने का आरोप है, जो गैरकानूनी है.
- विदेश मामलों की समिति ने ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान 10 वर्ष से खोज नहीं कर रहा था. वह देश में आजादी से रह रहा था. उसे कई बार हिरासत में लिया व छोड़ भी दिया. सईद को दिंसबर 2001, मई 2002, अक्टूबर 2002, अगस्त 2006 (दो बार), दिसंबर 2008, सितंबर 2009 व जनवरी 2009 में अरैस्ट करने के बाद छोड़ दिया गया था.’’
- ट्रम्प ने हाफिज की गिरफ्तारी पर ट्विटर हैंडल से लिखा है था, ’10 वर्ष की खोजबीन के बाद, आखिरकार मुंबई आतंकवादी हमलों के ‘मास्टरमाइंड’ को पाक में अरैस्ट कर लिया गया है. पिछले 2 वर्षों में उसे पकड़ने के लिए बहुत भारी दबाव डाला गया है.‘
- अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाक ने जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा व फलाह-ए-इंसानियत के विरूद्ध जाँच प्रारम्भ की थी. पंजाब पुलिस ने मार्च में बताया था कि सरकार ने जमात के 160 मदरसे, 32 स्कूल, दो कॉलेज, चार हॉस्पिटल, 178 एंबुलेंस व 153 डिस्पेंसरी को सीज किया था.
- रिपोर्ट के मुताबिक- सईद के संगठन जमात-उद-दावा को लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य चेहरा माना जाता है. 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी सईद ही है. अमेरिका ने सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है. उस पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ईनाम भी रखा गया है.