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डॉ आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन में मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की प्रतिष्ठित संस्था विधिक सहायता केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर (डॉ) बीडी सिंह एवं विधिक सहायता केंद्र के अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार यादव के कुशल मार्गदर्शन में आज लखनऊ पब्लिक स्कूल जानकीपुरम लखनऊ में मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर कार्यशाला को सफलतापूर्वक आयोजित करवाया गया।

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डॉ आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन में मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर कार्यशाला का आयोजन

केंद्र “सभी के लिए न्याय तक समान पहुंच” प्रदान करने के उद्देश्य से काम करता है और कानूनी साक्षरता और जागरूकता प्रदान करके इस दिशा में सक्रिय प्रयास करता है। आज के जागरूकता कार्यक्रम की चर्चा का विषय “मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य” था। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों के बीच भारत के संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के तहत आने वाले उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

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कार्यक्रम की शुरुआत विधिक सहायता केंद्र की सदस्य ऋषिता पाण्डेय ने दर्शकों को सहायता केंद्र से परिचित कराकर और उन्हें अनुच्छेद 14 से 22 में शामिल समानता के अधिकार और स्वतंत्रता के अधिकार के बारे में जानकारी देकर की। उन्होंने इसे उजागर करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरण भी दिए। सत्र को आगे बढ़ते हुए विधिक सहायता केंद्र की सदस्य अश्वनी प्रताप सिंह ने शोषण के विरुद्ध अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में विस्तार से वर्णन किया, जो अनुच्छेद 23 से 28 के अंतर्गत आते हैं। छात्रों को उनके बुनियादी अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए दैनिक जीवन के उदाहरण प्रदान किए गए।

डॉ आलोक कुमार यादव के मार्गदर्शन में मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर कार्यशाला का आयोजन

उन्होंने बहुत ही मैत्रीपूर्ण तरीके से इन अधिकारों के बारे में बताया और छात्रों से बातचीत भी की। इसके अलावा विधिक सहायता केंद्र की सदस्य अंजलि ने बच्चों को सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों और संवैधानिक उपचारों के अधिकार के बारे में बताया जो अनुच्छेद 29 से 32 के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि यदि उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है तो उन्हें क्या करना चाहिए और उन्हें भारतीय संविधान में अनुच्छेद 32 के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक उपचारों के बारे में बताया।

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विधिक सहायता केंद्र के सदस्य निमिता गर्ग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए में दिए गए मौलिक कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे अधिकार कर्तव्यों के साथ आते हैं और अनुस्मारक के रूप में कार्य करते हैं। कार्यशाला के दौरान छात्रों ने सवाल पूछे जिनका सदस्यों द्वारा उपयुक्त जवाब दिया गया। कार्यक्रम के उपरांत बच्चों से भी मौलिक अधिकार व कर्तव्यों के विषय में प्रश्न पूछे गए जिनके उत्तर बच्चों ने बहुत ही सटीकता से दिए इस प्रकार कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन हुआ।

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