Breaking News

31 जुलाई तक दाखिल हुए 7.28 करोड़ आयकर रिटर्न, 72% ने चुना नई कर व्यवस्था का विकल्प

31 जुलाई की समयसीमा तक पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। 31 जुलाई तक करीब 7.28 करोड़ से लोगों ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया। आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

विभाग ने एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक दाखिल आईटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक है, जो 31 जुलाई, 2023 तक दायर आकलन वर्ष 2023-24 (6.77 करोड़) के कुल आईटीआर की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।

बयान में कहा गया है, “निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ नई कर व्यवस्था में दाखिल किए गए हैं, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में 2.01 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं।”

72% रिटर्न दाखिल करनेवालों ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना
इस प्रकार, लगभग 72 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, जबकि 28 प्रतिशत पुरानी कर व्यवस्था में बने हुए हैं। आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया 31 जुलाई, 2024 (वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-कर ऑडिट मामलों के लिए नियत तिथि) को चरम पर पहुंच गई, जिसमें एक ही दिन में 69.92 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए।

विभाग को पहली बार रिटर्न भरने वालों से 58.57 लाख आईटीआर भी मिले, जो कर आधार बढ़ने का एक उचित संकेत है। ऐतिहासिक रूप से पहली बार, ITR (ITR-1, ITR-2, ITR-4, ITR-6) को वित्तीय वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल, 2024 को ई-फाइलिंग पोर्टल पर सक्षम कर दिया गया था।

31 जुलाई तक 3.34 करोड़ आईटीआर-1 दाखिए किए गए
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए 7.28 करोड़ आईटीआर में से 45.77 प्रतिशत आईटीआर-1 (3.34 करोड़), 14.93 प्रतिशत आईटीआर-2 (1.09 करोड़), 12.5 प्रतिशत आईटीआर-3 (91.10 लाख), 25.77 प्रतिशत आईटीआर-4 (1.88 करोड़) और 1.03 प्रतिशत आईटीआर-5 से आईटीआर-7 (7.48 लाख) हैं। इनमें से 43.82 प्रतिशत से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर यूटिलिटी का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और शेष ऑफलाइन आईटीआर यूटिलिटीज का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं।

About News Desk (P)

Check Also

अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25% का योगदान देगा, गैसटेक में बोले हरदीप पुरी

भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने ह्यूस्टन में विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श ...