देश में अगले तीन साल में यानी 2028 तक 5जी उपभोक्ताओं की संख्या 2.65 गुना बढ़कर करीब 77 करोड़ पहुंच जाएगी। अभी इनकी संख्या 29 करोड़ है। नोकिया की सालाना मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में पूरे भारत में 5जी डाटा के इस्तेमाल में सालाना आधार पर तीन गुना की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। दिसंबर, 2024 में प्रति ग्राहक औसत मासिक 5जी डाटा खपत बढ़कर 40 जीबी पहुंच गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4जी और 5जी डाटा की खपत मिलकर पांच साल में 19.5 फीसदी की सालाना वृद्धि दर से बढ़कर 2024 में 27.5 जीबी पहुंच गई।
इसलिए बढ़ रही डाटा खपत
रिपोर्ट के मुताबिक, 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) के निरंतर बढ़ने से डाटा खपत में वृद्धि हो रही है। एफडब्ल्यूए ग्राहक अब औसत यूजर्स की तुलना में 12 गुना अधिक डाटा का उपभोग कर रहे हैं। यह बदलाव आवासीय और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में नई सेवाओं के कारण हो रहा है।
बदले जाने वाले 90 फीसदी फोन 5जी होंगे
भारत में 5जी उपकरण परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। सक्रिय 5जी उपकरणों की संख्या दोगुनी होकर 2024 में 27.1 करोड़ तक पहुंच गई। 2025 में जितने पुराने स्मार्टफोन बदले जाएंगे, उनमें 90 फीसदी 5जी होंगे। 5जी एडवांस्ड की क्षमताएं 6जी में बदलाव के लिए आधार का काम करेंगी।
4जी डाटा की खपत में लगातार गिरावट
देशभर में 2026 की पहली तिमाही तक 4जी की तुलना में 5जी डाटा की मासिक खपत अधिक होगी। इस वृद्धि का नेतृत्व कैटेगरी बी और सी सर्किल्स कर रहे हैं। इन सर्किल्स में खपत क्रमशः 3.4 गुना और 3.2 गुना बढ़ी है। मेट्रो सर्किलों में 5जी डाटा उपयोग अब कुल मोबाइल ब्रॉडबैंड डाटा का 43 फीसदी है, जो 2023 में 20 फीसदी था। 4जी डाटा का इस्तेमाल लगातार घट रहा है।