कोरोना वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। नए वैरिएंट्स के कारण कई देशों में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक एरिस वैरिएंट के मामले 55 से अधिक देशों में रिपोर्ट किए जा चुके हैं, वहीं BA.2.86 वैरिएंट में अतिरिक्त म्यूटेशन देखे गए हैं जो इसे ओमिक्रॉन का अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट बनाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पतालों में हाल के दिनों में तेजी से मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, हालांकि गंभीर रोग के मामले कम देखे जा रहे हैं।
इस बीच एक हालिया रिपोर्ट में सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बड़ा दावा किया है। सीडीसी विशेषज्ञों के मुताबिक हर सप्ताह रिपोर्ट की जाने वाली लगभग 99 प्रतिशत ‘कोविड मौतें’ मुख्यरूप से वायरस के कारण नहीं हो रही हैं। कोविड डैशबोर्ड से पता चलता है कि 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में दर्ज की गई 324 कोविड मौतों में से केवल 1.7 प्रतिशत ही मौत का प्राथमिक कारण कोरोनोवायरस था। अगर वायरस मौत का कारण नहीं तो इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है आइए इस बार में जानते हैं।
मृत्यु का कारण वायरस नहीं तो क्या?
सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 रोगियों में मृत्यु का प्राथमिक या अंतर्निहित कारण संक्रमण के कारण होने वाली जटिलताओं को पाया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों को पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे हृदय रोग आदि है, उनमें वायरस का संक्रमण बहुत अधिक दबाव और तनाव बढ़ा सकता है। यूके जैसे देशों में रिपोर्ट किए जा रहे मौत के ज्यादातर मामलों में ऐसे लोगों में कोरोनावायरस को सेकेंडरी कारण, जबकि मौजूद हृदय रोग को प्राथमिक कारण माना गया है।