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इन रत्नों को धारण कर आप भी बन सकते है करोडपति व दूर होंगे सभी दुष्प्रभाव

कहते हैं पैसा ऐसी चीज़ है जो जितना किसी के पास होता है उसकी उसमें बढ़ोतरी करने की इच्छा और बढ़ती जाती है। यानि अगर कोई लखपति होता है तो उसे करोड़पति बनने की कामना होती है तो वहीं करोड़पति इंसान को अरबपति कहलाने की चाह होती है। कुल मिलाकर कहने का मन यही हुआ कि हर किसी को अधिक से अधिक धन प्राप्त करने की लालसा रहती ही है। मगर कई बार ऐसा होता है कि इसे पाने के लिए हम अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश करते हैं यानि मेहनत करते हैं मगर फिर भी हमारे प्रयास असफल होते हैं। ऐसे में हमारे ज़हन में एक प्रश्न आता है कि आख़िर ऐसा क्यों होता है। तो अगर इसका उत्तर ज्योतिष के दृष्टि से देखा जाए तो इसका कारण हमारे कुंडली के ग्रह होते हैं। जी हां, हमारी कुंडली के ग्रह हमारे द्वारा किए गए प्रयासों को विफल बनाते हैं। तो इसका क्या मतलब हुआ कि क्या इन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है? ऐसा कुछ नहीं है अगर ज्योतिष शास्त्र में किसी इनके दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाता है तो इसमें इसके उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें अगर अपनाया जाए तो कुंडली के इन ग्रहों की स्थिति को न केवल ठीक किया जाता है बल्कि न इससे शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है।

आप सही समझ रहे हैं, हम आज आपकी इसी समस्या का समाधान लेकर आएं हैं। तो अगर आपकी कुंडली के ग्रह आपकी सफलता के बीच आ रहे हैं, चलिए हम बताते हैं इसके लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए।

सूर्य को शक्तिशाली बनाना है तो माणिक्य रत्न पहने। क्योंकि सूर्य देव को रविवार का दिन समर्पित है इसलिए इस दिन पुष्य योग के अंतर्गत कम से कम सवा पांच रत्ती या फिर 7-9 रत्ती के माणिक को स्वर्ण की अंगूठी में, दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करें।

चंद्र ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए लिए मोती रत्न को पहनना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि मोती कम से कम सवा तीन रत्ती का तो होना चाहिए। ज्योतिष विद्वान के अनुसार इसे चांदी की अंगूठी में बनाकर शुक्ल-पक्ष के किसी भी सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में धारण कर सकते हैं।

मंगल ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए सोने या तांबे की अंगूठी में पांच रत्ती का मूंगा रत्न मंगलवार के दिन अनुराधा नक्षत्र में सूर्योदय से एक घंटे बाद तक के समय में धारण रकरना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का प्रधान रत्न पन्ना रत्न होता है। बताया जाता है पन्ना रत्न पांच रंगों का होता है जैसे हल्के पानी के रंग जैसा, तोते के पंखों के समान रंग वाला, सिरस के फूल के रंग के समान, सेडुल फूल के समान रंग वाला, मयूर पंख के समान रंग वाला। इन सभी रंगों में श्रेष्ठ मयूर पंख के समान रंग वाला माना जाता है, यह चमकीला और पारदर्शी कम से कम छह रत्ती का प्लेटिनम या सोने की अंगूठी में बुधवार के दिन सुबह 5 से 6 बजे के बीच ही दाहिने हाथ की सबसे छोटी उंगली में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

बृहस्पति के लिए पुखराज रत्न सबसे उत्तम है। पुखराज रत्न 5, 7, 9,या 11 रत्ती का सोने की अंगूठी में दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में गुरु-पुष्य योग में ठीक सूर्यास्त के समय धारण करना चाहिए, इससे लाभ प्राप्त होता है।

ज्योतिष विद्वानों की मानें तो शुक्र ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए कम से कम दो कैरेट का हीरा रत्न मृगशिरा नक्षत्र में बीच की मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए।

शनि ग्रह की शांति के लिए नीलम रत्न धारण करना चाहिए। बता दें शनिवार को पांच, छह, सात, नौ अथवा ग्यारह रत्ती का नीलम रत्न श्रवण नक्षत्र में पंचधातु की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में पहनना लाभदायक साबित होता है।

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