अमेरिका ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को फिर से बहाल करने की तैयारी में है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को जानकारी देते हुये अमेरिका ने कहा कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश को खुले आम किसी भी तरह के पारम्परिक हथियार खरीदने और बेचने नहीं देगा.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने महासचिव गुतारेस तथा अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष इंडोनेशिया के राजदूत डियान त्रियानस्याह डजानी से मुलाकात की.
पोम्पिओ ने उन्हें वे पत्र सौंपे, जिसमें ईरान पर एक तरह से संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रतिबंधों को बहाल करने के अमेरिका के फैसले की जानकारी दी गयी है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 के तहत ईरान पर से ये प्रतिबंध हटा लिये गये थे. इसके तहत 20 अगस्त से 30 दिन के भीतर ये सभी प्रतिबंध दोबारा लागू हो जाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र में पोम्पिओ ने संवाददाताओं से कहा कि हमारा संदेश बेहद ही सरल है. अमेरिका आतंकवाद को सरकार के स्तर से प्रायोजित करने वाले विश्व के सबसे बड़े देश को कभी खुले आम विमान, टैंक, मिसाइल या अन्य प्रकार के पारम्परिक हथियार खरीदने या बेचने नहीं देगा.
उन्होंने कहा कि प्रतिबंध बहाल होने से ईरान की अन्य निंदनीय गतिविधियों को लेकर भी जवाबदेही तय होगी. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रशिक्षण पर फिर प्रतिबंध लगेगा.
ईरान की परमाणु गतिविधियों पर भी फिर पाबंदी लगेगी. गौरतलब है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रस्ताव पर पिछले सप्ताह हुए मतदान में अमेरिका के पक्ष में सिर्फ एक सदस्य ने वोट किया था, रूस और चीन ने इसका विरोध किया, जबकि 11 सदस्य अनुपस्थित रहे थे.