एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अलीबाग की एक अदालत ने अर्णब को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने देर रात हुई सुनवाई में यह आदेश सुनाया।
दूसरी तरफ अर्णब ने भी जमानत के लिए अर्जी दी जिस पर अदालत ने जांच अधिकारी को जवाब दाखिल करने को कहा है। अर्णब के वकील गौरव पारकर ने कहा कि अलीबाग की एक अदालत में पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिनों की हिरासत देने का अनुरोध किया था। अर्णब के साथ मामले में सह आरोपी फिरोज शेख और नीतेश शारदा को भी कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
रायगढ़ पुलिस की एक टीम ने अर्णब को बुधवार सुबह मुंबई में उनके घर से हिरासत में लिया था। पुलिस वैन में बैठाए जाने के बाद अर्णब ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ हाथापाई भी की है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 34 के तहत अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है।’ अर्णब के वकील ने भी पुलिस पर हाथापाई के आरोप लगाए।
पारकर ने कहा कि मैजिस्ट्रेट ने मारपीट के आरोपों का संज्ञान लिया है और पुलिस को मेडिकल जांच के लिए गोस्वामी को सिविल हॉस्पिटल ले जाने को कहा। मेडिकल के बाद गोस्वामी को उनकी हिरासत पर सुनवाई के लिए वापस अदालत लाया गया। पुलिस ने कहा कि इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक और उनकी मां ने रिपब्लिक टीवी के कथित तौर पर बकाया भुगतान नहीं करने पर 2018 में खुदकुशी कर ली थी। इस साल मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि उन्होंने अन्वय की बेटी आज्ञा नाईक की शिकायत के बाद मामले में फिर से जांच के आदेश दिए हैं।