प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को श्रावस्ती के महान योद्धा महाराजा सुहेलदेव की 4.20 मीटर ऊंची प्रतिमा के निर्माण समेत स्मारक का वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मंगलवार को बसंत पंचमी के दिन शिलान्यास किया. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बहराइच स्थित कार्यक्रम स्थल चित्तौरा में मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये मंगलवार को बहराइच की चित्तौरा झील के विकास कार्यों का शिलान्यास किया. यह कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के बहराइच में आयोजित किया गया. इसमें महाराजा सुहेलदेव की एक घोड़े पर सवार प्रतिमा की स्थापना, कैफेटेरिया, अतिथि गृह और बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटक सुविधाओं को शामिल किया गया है.
बहराइच की पुण्यभूमि को नमन्- PM
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से बहराइच जिले में महाराजा सुहेलदेव स्मारक तथा चित्तौरा झील की विकास योजना का शिलान्यास किया. साथ ही, प्रधानमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय, बहराइच का लोकार्पण भी किया.
इस दौरान पीएम ने कहा कि अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, बहराइच की इस पुण्यभूमि को मैं नमन करता हूं. बसंत पंचमी की आप सभी को बहुत-बहुत मंगलकामनाएं. मां सरस्वती भारत के ज्ञान-विज्ञान को और समृद्ध करें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं- ‘ऋतु बसंत बह त्रिविध बयारि’ यानी बसंत ऋतु में शीतल, मंद, सुगंध ऐसी तीन प्रकार की हवा बह रही है. इसी हवा, इसी मौसम में खेत-खलिहान, बाग, बागान से लेकर जीवन का हर हिस्सा आनंदित हो रहा है. पीएम ने कहा- ‘आज मुझे बहराइच में महाराजा सुहेलदेव जी के भव्य स्मारक के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है.’ उन्होंने दावा किया ये आधुनिक और भव्य स्मारक, ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास, बहराइच पर महाराजा सुहेलदेव के आशीर्वाद को बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा.
बहराइच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे पीएम ने कहा, ‘आज महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर बनाए गए मेडिकल कॉलेज को एक नया और भव्य भवन भी मिला है. भारत का इतिहास सिर्फ वो नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों, गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा, भारत का इतिहास वो भी है जो भारत के सामान्य जन में, भारत की लोकगाथाओं में रचा-बसा है. जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ा है.’
sपीएम ने कहा, ‘बहराइच जैसे विकास के आकांक्षी जिले में स्वास्थ सुविधाएं बढ़ना यहां के रहने वालों के जीवन को आसान बनाएगा. इसका लाभ आसपास के जिले श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर को तो होगा ही साथ ही साथ ही नेपाल से आने वाले मरीजों को भी मदद करेगा. देश की पांच सौ से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेल जी के साथ क्या किया गया, इसे देश का बच्चा भी भली-भांति जानता है. आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल की है, जो हमें प्रेरणा दे रही है.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते कुछ सालों में देश भर में इतिहास, आस्था, अध्यात्म, संस्कृति से जुड़े जितने भी स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है, उनका बहुत बड़ा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है. उत्तर प्रदेश तो पर्यटन, तीर्थाटन दोनों के मामले में समृद्ध भी है और इसकी क्षमताएं भी अपार हैं.’