योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति के उन चंद मुख्यमंत्रियों में शुमार है जो अन्य प्रदेशों में भी लोकप्रिय है। उन्होने यह मुकाम मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्व निर्वाह से हासिल किया है। अब तो चार वर्ष का उनका रिपोर्ट कार्ड भी देश में चर्चित है। इसको योगी मॉडल नाम दिया गया। अनेक कल्याणकारी योजनाओं में यूपी नम्बर वन है।
अनेक विषयों में उसकी रैंकिंग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ऐसे में योगी जब अन्य प्रदेशों में अपनी बात रखते है,तो लोग उस पर विश्वास करते है। ऐसा जन विशवास बनाना आसान नहीं होता। परिवार आधरित पार्टियों के नेता व मुख्यमंत्री रहे लोग अन्य प्रदेशों में अपनी हैसियत आजमा चुके है। अन्य प्रदेशों की तरह पश्चिम बंगाल में भी योगी को सुनने भारी भीड़ उमड़ रही है। इसमें जय श्री राम के नारे गूंजते है।
ममता बनर्जी इससे परेशान होती है। योगी कहते है कि वह श्री राम श्री कृष्ण की पावन भूमि से बंगाल के लोगों से मिलने आये है। यह संस्कृति व राष्ट्रीय जुड़ाव है। बंगाल भी महान सन्तो सन्यासियों की भूमि है। इनका पूरे देश में सम्मान है। पूरे देश में राम कृष्ण मिशन मंदिर है। वस्तुतः योगी आदित्यनाथ का निशाना यहां अब तक शासन में रही कांग्रेस कम्युनिस्ट व तृणमूल कांग्रेस पर था। यहाँ सरकार बदली,पार्टी बदली लेकिन इन सबकी मानसिकता एक जैसी है।
इस कारण बंगाल की व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ। यहां विदेशी घुसपैठियों को बसाया गया। इससे स्थानीय समीकरण बदल गए। आज भी ये पार्टियां कट्टर पंथियों से चुनावी गठजोड़ कर रही है। ऐसे तत्वों को पराजित करना ही इस चुनाव का लक्ष्य है। सरकार बनाना एक मात्र उद्देश्य नहीं है। बल्कि व्यववस्था को भी बदलना है,पश्चिम बंगाल की राष्ट्रीय मुख्यधारा में जोड़ना है। यह कार्य केवल भाजपा ही कर सकती है।
योगी आदित्यनाथ ने ममता बनर्जी और राहुल गांधी के आडम्बर पर प्रहार किया। कहा कि बंगाल हमेशा से ही परिवर्तन की धरती रही है। बंगाल ने देश को राष्ट्रगान भी दिया और वंदे मातरम भी दिया। बंगाल के लोगों की पीड़ा अधिक दिन तक नहीं रहेगी, लेकिन टीएमसी की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। दो मई के बाद टीएमसी सरकार की विदाई निश्चित है।