भारत के ड्रग रेगुलेटर ‘ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ ने देश में उपयोग के लिए रूसी ‘स्पुतनिक वी’ वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, लेकिन वैक्सीन की कीमत पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ इसकी कीमत को लेकर निष्कर्ष निकाला जाना बाकी है। हालांकि भारत में इसकी कीमत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड की कीमत 2 डॉलर प्रति डोज से इसकी कीमत मेल नहीं खाएगी। जबकि सरकार इसी दाम में कोविशील्ड की खरीद कर रही है। कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है।
आरडीआईएफ के सीईओ किरील दिमित्रीव ने एक चैनल से हुयी बातचीत के दौरान कहा, अन्य बाजारों में स्पुतनिक वी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से महंगी है और मुझे उम्मीद नहीं है कि हम उस मूल्य को प्राप्त कर सकते हैं, जो हमारी उत्पादन प्रक्रिया को दिया गया है। वर्तमान समय में अन्य बाजारों में स्पुतनिक वी वैक्सीन की कीमत करीब 10 डॉलर प्रति डोज है। किरील दिमित्रीव ने कहा कि सभी देशों के लिए वैक्सीन की कीमत समान होगी। भारत समेत 60 देशों में रूस की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।
दिमित्रीव ने कहा, भारत सरकार द्वारा कीमत को मुनासिब रखने को लेकर कुछ आयाम हैं। सरकारी अनुबंधों और प्राइवेट मार्केट के लिए अलग-अलग कीमत है। हमारा मकसद मुनाफा कमाना नहीं है, लेकिन इसकी लागत तो वापस मिलनी चाहिए। गौरतलब है, भारत के पास कोरोना वायरस के खिलाफ तीन वैक्सीन उपलब्ध हो गई हैं। देश में इस वैक्सीन को पांच फार्मा कंपनियां तैयार करेंगी और एक साल में कुल 850 मिलियन डोज बनाए जाएंगे। पहले फेज की डोज अप्रैल के अंत तक और मई की शुरुआत तक अधिकांश डिलीवर कर दी जाएगी।