लखनऊ। ऑक्सीजन की जानलेवा कमी से आगरा को शनिवार से राहत मिलने की उम्मीद है। वायुसेना एवं थल सेना की मदद से टेढ़ी बगिया में नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट में इंटरकूलर कॉपर ट्यूब लगाने का काम गुरुवार सुबह चार बजे तक पूरा हो गया। सेना के जवान रातभर इस प्लांट के कार्य में जुटे रहे। शनिवार से यहां से रोज 1000 सिलेंडर ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। आगरा में सबसे बड़ा ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने में सेना और स्थानीय प्रशासन को सात दिन लगे हैं।
आपको बता दें कि अहमदाबाद से इंटरकूलर कॉपर ट्यूब को सेना की मदद से एयरलिफ्ट कर आगरा लाया गया था। रातभर इसकी फिटिंग की गई है। इस प्लांट की क्षमता प्रति दिन 1600 से 2000 सिलिंडर आपूर्ति की है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि शनिवार से 1000 सिलिंडर भरे जा सकेंगे। फिर धीरे-धीरे प्लांट को पूर्ण क्षमता पर चलाया जाएगा।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार आगरा में सेना ने ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक गैर-कार्यात्मक ऑक्सीजन संयंत्र की मरम्मत में स्थानीय प्रशासन की सहायता की है। क्षति के आकलन के लिए सेना की एक तकनीकी टीम को 27 अप्रैल को तुरंत तैनात किया गया था। टीम ने एयर सेपरेटर यूनिट में एक बड़ी दरार और कई रिसावों की पहचान की। बारह घंटों की कड़ी मेहनत के बाद टीम ने सभी दरारों और रिसावों की मरम्मत का काम पूरा किया। ऑक्सीजन उत्पादन करने के लिए एक और महत्वपूर्ण घटक की आवश्यकता थी।
जिसके लिए वायु सेना के एक विमान ने 29 अप्रैल की रात को अहमदाबाद से कंपोनेंट के लिए उड़ान भरी। उक्त कंपोनेंट को फिट करने और संयंत्र को चालू करने के लिए आगे की प्रक्रिया को पूरा किया गया और संयंत्र 29/30 अप्रैल की आधी रात तक कार्य समाप्त हुआ। 30 अप्रैल को सुबह 7:30 बजे तक, संयंत्र ने आगरा में सरकारी तथा निजी अस्पतालों के लिए 240 और सैन्य अस्पताल के लिए 40 सिलेंडर सफलतापूर्वक भरे। प्रति दिन 1500 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर भरने की उम्मीद है। आगरा में स्थानीय प्रशासन और सशस्त्र बलों के सहयोग से कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार किया गया है।