भारतीय रेलवे ने 1 अगस्त 2021 को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के दमदीम स्टेशन से पत्थरों से लदी पहली मालगाड़ी को बांग्लादेश के लिए रवाना किया। इसी के साथ भारत और बांग्लादेश के बीच 56 वर्ष बाद हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर मालगाड़ियों का नियमित संचालन शुरू हो गया है। यह रेल लिंक क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और क्षेत्रीय व्यापार के विकास में भी मदद करने के साथ ही मुख्य बंदरगाहों और शुष्क बंदरगाहों तक रेल नेटवर्क की पहुंच को भी बढ़ाएगा। इसके अलावा यह रेल लिंक भारतीय विदेश मंत्रालय की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी को भी बढ़ावा देता है।
यह रेल लिंक क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ ही क्षेत्रीय व्यापार के विकास में भी मदद करेगा
इस संबंध में बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी। जिसमें दूतावास ने बताया कि 1947 में विभाजन के बाद भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (1965 तक) के बीच 7 रेल लिंक चालू थे, लेकिन भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, दोनों देशों के बीच रेल सेवा बंद हो गई थी। वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच 4 परिचालन रेल लिंक हैं। वे हैं – पेट्रापोल (भारत)- बेनापोल (बांग्लादेश), गेदे (भारत) – दर्शन (बांग्लादेश), सिंहाबाद (भारत) -रोहनपुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) -बिरोल (बांग्लादेश)। इस रेल लिंक को भारत और बांग्लादेश के बीच पांचवें रेल लिंक के रूप में फिर से शुरू किया गया है।
भारत और बांग्लादेश 1965 से पहले के सभी रेलवे लिंक को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए इस रेल लिंक को पुनर्जीवित करने के लिए दोनों देशों के रेलवे द्वारा इस लिंक को पुनर्जीवित करने का काम किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने 17 दिसंबर, 2020 को दोनों देशों के बीच आयोजित हुए आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में इस रेल मार्ग का उद्घाटन किया था।
इस रेल मार्ग के माध्यम से भारत से बांग्लादेश को जिन वस्तुओं का निर्यात किया जा सकता है, उनमें पत्थर और बोल्डर, खाद्यान्न, ताजे फल, रासायनिक उर्वरक, प्याज, मिर्च, लहसुन, अदरक, फ्लाई ऐश, मिट्टी, चूना पत्थर, लकड़ी और लकड़ी आदि शामिल हैं। इसके अलावा बांग्लादेश से भारत को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की अनुमति है।