US के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक अमेरिकी हितों को ध्यान में रखकर बड़े फैसले ले रहे हैं। जिसमें उन्होंने एक फैसला ऐसा भी लिया है जिसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान की सात कंपनियों का नाम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे वाली सूची में डाल दिया है।
- इन कंपनियों पर आरोप है कि ये परमाणु कारोबार में संलिप्त हैं।
- अमेरिका ने इन कंपनियों पर न्यूक्लियर ट्रेड का शामिल होने पर यह कार्रवाई की है।
- इस फैसले ने अब पाकिस्तान के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह अर्थात एनएसजी में शामिल होने के इरादे पर पानी फेर दिया है।
US, पाकिस्तानी कंपनियों के साथ अन्य देशों की कंपनियां भी हैं शामिल
अमेरिका के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित फेडरल रजिस्टर में कुल 23 कंपनियों को शामिल किया गया है। पाकिस्तानी कंपनियों के अलावा इस सूची में दक्षिणी सूडान की 15 कंपनियां और सिंगापुर की एक कंपनी भी शामिल है। इस लिस्ट में शामिल कंपनियों पर अब अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार करने पर रोक लगी रहेगी।
- पाकिस्तान की सात कंपनियां मुश्को लॉजिस्टक्स सिंगापुर बेस्ड कंपनी, सॉल्यूशन इंजीनियरिंग, अख्तर एंड मुनीर, प्रोफीशिएंट इंजीनियर्स, परवेज कॉमर्शियल ट्रेडिंग कंपनी, मरीन सिस्टम, इंजीनियरिंग एंड कॉमर्शियल सर्विसेज (ईसीएस) हैं। जिनका नाम लिस्ट में है।
विदेश नीति के प्रतिकूल गतिविधियों में संलिप्त
पाकिस्तान की सातों कंपनियां अमेरिका की विदेश नीति के हितों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की प्रतिकूल गतिविधियों में संलिप्त हैं। जो गंभीर संकट पैदा कर रही हैं।
- जिससे सभी 23 कंपनियों के निर्यात नियंत्रण पर कड़े प्रावधान लागू किया जाना जरूरी है।
- जो इन्हें अंतरराष्ट्रीय व्यापार से रोक भी सकता है।
सूची में शामिल कंपनियों के मुखौटे की तरह
पाकिस्तानी कंपनियों में शामिल तीन कंपनियां असुरक्षित परमाणु गतिविधियों के प्रसार में संलिप्त हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा तथा अमेरिका की विदेश नीति से जुड़े हितों के प्रतिकूल है। दो कंपनियों पर आरोप है कि वे पहले से सूची में शामिल कंपनियों के साथ आपूर्ति-खरीद कर रही हैं।
- इसके साथ बाकी बची दो कंपनियों के बारे में सामने आया है कि वह सूची में शामिल कंपनियों के मुखौटे की तरह काम कर रही हैं।
- आठवीं पाकिस्तानी कंपनी सिंगापुर आधारित है।