विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला चार दिवसीय यात्रा पर शनिवार को श्रीलंका पहुंच गए हैं। श्रीलंकाई विदेश सचिव एडमिरल (सेवानिवृत्त) प्रो. जयनाथ कोलम्बेज और भारतीय राजदूत गोपाल बागले ने कोलंबो एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। अपने दौर पर वह श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और अपने समकक्ष श्रीलंका के विदेश सचिव से मुलाकात करेंगे तथा भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से करेंगे मुलाकात
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि श्रीलंकाई समकक्ष जयनाथ कोलंबेज के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं। बयान में कहा गया कि विदेश सचिव का यह दौरा पोस्ट कोविड के बाद हुए आर्थिक सुधारों के सहयोग पर फोकस होगा।
कोलंबो के अलावा विदेश सचिव श्रृंगला सेंट्रल जिले कैंडी, पूर्वी बंदरगाह जिले त्रिंकोमाली और उत्तरी शहर जाफना का भी दौरा करेंगे। पिछले साल जनवरी में विदेश सचिव का पद संभालने के बाद श्रीलंका की यह उनकी पहली यात्रा है।
भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा भी करेंगे
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका एक निकटतम और महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी जिसके साथ हमारे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध है। भारत-श्रीलंका के बीच प्राचीन काल से मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का एक पुराना रिश्ता है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच हमेशा से घनिष्ठ राजनीतिक संपर्क रहे हैं।
श्रीलंका की विकासपरक परियोजनाओं में सहयोग करता रहा है भारत:
भारत ने श्रीलंका की विकासपरक परियोजनाओं में काफी सहयोग किया है। इस क्षेत्र में भारत की प्रतिबद्धता 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की है। रेलवे, कनेक्टिविटी, अस्पताल, स्कूल, सड़कें, पुल, आदि कुछ ऐसी विकास परियोजनाएं हैं, जिनमें भारत ने श्रीलंका का सहयोग किया है।
इसके अलावा ऊर्जा सहयोग में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, प्राकृतिक गैस की खोज, पावर ग्रिड कनेक्टिविटी आदि शामिल हैं। भारत की छोटी विकास परियोजनाएं भी बहुत सफल रही हैं और श्रीलंका में इसकी सराहना भी की गई है। दोनों देश क्षमता निर्माण, रक्षा हार्डवेयर, समुद्री सुरक्षा और एचएडीआर में भी सहयोग करते हैं।