दवाओं की बरबादी रोकने की दिशा में अधिकारी उठाएं सख्त कदम
लखनऊ। मरीजों को अस्पताल में सभी जरूरी दवाएं मिलनी चाहिए। मौसमी से लेकर गंभीर बीमारियों की दवाएं अस्पताल में उपलब्ध रहें। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। मंगलवार को यह निर्देश उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिए।
विधानसभा कार्यालय में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों संग बैठक की। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद, नेशनल हेल्थ मिशन की एमडी अपर्णा उपाध्याय व उप्र मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के एमडी समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। सभी जरूरी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध रहें। बारिश में सांप के काटने की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। लिहाजा एंटी स्कैन वैनम, डेंगू, मलेरिया समेत दूसरी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए।
अस्पताल की ही दवाएं लिखे डॉक्टर – डॉक्टर मरीजों को अस्पताल की ही दवाएं लिखे। मरीजों को बाहर की दवाएं न लिखे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों का सरकारी अस्पताल के प्रति भरोसा बढ़ रहा है। यही वजह है कि अस्पतालों में मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इस भरोसे को कायम रखने की जरूरत है। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं।
दवाओं की बरबादी रोके – उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अस्पताल जरूरत के हिसाब से दवाओं का आर्डर दें। ताकि दवाओं को एक्सपायर होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी दवाओं के वेस्टज को कम करने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने कारपोरेशन के एमडी को निर्देशित किया कि अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से दवाएं समय पर आपूर्ति करें। इसमें देरी नहीं होनी चाहिए। बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य के महानिदेशक डॉ. लिली सिंह, परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. रेनू श्रीवास्तव मौजूद रहे।