Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…बरखा महारानी तौ रौद्र रूप धरि लिहिन, सगरी खेती पछमन होइगै

 नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

ककुवा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- बरखा महारानी तौ रौद्र रूप धरि लिहिन। जब बरसै क रहय। तब सूखा परा रहा। सावन, भादौं अबसिला जेठ, बैसाख की तिना तपा हय। यही कारन ते धान कय रोपाई कम भवै। सगरी खेती पछमन होइगै। किसान मरि-जरि कय फसल तैयार किहिस। कुछु धान गालम हय। कुछु धान निगर रहे। अगमन धान केरी बाली पाकय प हयँ। अइस म रोज आंधी-पानी आय रहा।

यहिते फसल का बड़ा नुकसान होय रहा। तमाम किसानन क गन्ना पटरा होइगा। धान केरे खेतन म पानी भरिगा। निचले इलाकन म जलभराव ते धान सड़य लाग हय। अनचाही बरिखा अउ जलभराव ते उड़द, मूंग, तिल्ली, अलसी अउ फल-सब्जी केरी फसलयँ बर्बाद होय रहीं। कयू जिलन म बाढ़ तांडव कय रही। लगातार बारिश ते गाँवन का तौ छोड़व, शहरन का बुरा हाल हय। पिछलेव साल कुँवार म इंद्रदेव आफत काटिन रहयँ। कुछु सालन ते युहु होय रहा कि जब ख्यातन का पानी क जरूरत होत हय। तब सूखा परा रहत हय। जब फ़सलन का पानी क जरूरत नाय होत हय। तब मूसलाधार बरसात होत हय। यहै जलवायु परिवर्तन आय। मौसम क्यारु चक्र बिगड़तय जाय रहा। इह पय विचार करय क जरूरत हय।

आज चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर सन्नाटा पसरा था। क्योंकि, सुबह से ही रिमझिम बारिश हो रही थी। हवा भी तेज चल रही थी। इस वजह से गर्मी छूमंतर हो गयी थी। चतुरी चाचा अपने बंगले में ‘जहाजी तख्त’ पर विराजमान थे। गांव के सबसे बड़े प्रपंची ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा आदि छाता और बरसाती ओढ़कर प्रपंच करने आये थे। गांव के बच्चे आज अपने घरों में दुबके थे। पुरई मक्के के भुट्टे भुनने की तैयारी कर रहे थे। मैं भी छाता लगाकर चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर पहुंच गया। तभी ककुवा की हांक सुनाई पड़ी- अरे!

रिपोर्टर भइय्या, अइसी तन आय जाव। आजु बंगलम पंचायत होई। देखि रहे हौ न। तीन दिन ते कौनु झरिहक परा हय। ख़ैर, मैंने भी बंगले में जाकर तख्त का एक कोना पकड़ लिया। चतुरी चाचा ने ककुवा से बतकही शुरू करने का आग्रह किया। ककुवा बिना किसी औपचारिकता के बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने असमय हो रही बारिश, जलभराव, बाढ़ और उससे हो रहे नुकसान का खाका खींचा। उनका कहना था कि कई वर्षों से बारिश मांग के विपरीत होती है। बरसात के महीने यथा- आषाढ़, सावन, भादौं में नाम मात्र बारिश होती है। बरसात का समय खत्म होने के बाद यथा- कुँवार (अश्वनी), कातिक (कार्तिक) में भारी बारिश होती है। इससे खरीफ फ़सलों को बड़ा नुकसान होता है।

चतुरी चाचा ने ककुवा की चिंता जायज ठहराते हुए कहा- भइय्या, मौसम क्यारु मिजाजु कुछु समझय म नाइ आवत। जाड़ा, गर्मी अउ बरसात सब अनिश्चित होइगे। समय त कौनिव चीज होतय नाइ। जलवायु परिवर्तन केरा सब ते बुरा प्रभाव खेती प पर रहा। कब सूखा परी, कब बहिया आयी? कौनिव चीज क ठिकाना नाइ। सब तरफ ते किसान की मरन हय। कहय क हम पंच अन्नदाता हन। मुला, कबहुँ-कबहुँ अपनय पेट नाइ भरि पाइत हय। परिवार केरी जरूरतें पूरी नाय होय पउती हयँ। लरिका-बच्चन की पढ़ाई बंटाधार होय जात हय। उह तौ जय मनाव मोदीजी की। जउन हम सभे का किसान सम्मान निधि देय लागि।

तीन-चार महीना बादि दुई हजार रुपय्या मिलि जात हयँ। इहिते कुछु काम चलि जात हय। याक बात अउर हय। हम पंच अपनी फ़सलन केर बीमा नाय करवाइत हय। या सब ते खराब चीज हय। जौ बीमा कराय लीन जावा करय। तौ दैवीय आपदा ते होय वाले नुकसान की भरपाई मिल जावा करय। तब सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफान, अग्निकांड यतना न खलय। मुदा, किसान इ बारे म सोचतय नाइ हयँ। सब जने नुकसान होय क बादि रोअवत हयँ।

इसी बीच पुरई ने दर्जन भर भुट्टे भून डाले। चंदू बिटिया एक केतली में तुलसी-अदरक वाली स्पेशल चाय, नींबू व काला नमक दे गई। चतुरी चाचा व ककुवा ने भुट्टों पर नींबू से खूब नमक रगड़ा। फिर सभी प्रपंचियों ने स्वादिष्ट भुट्टों का सेवन किया। कुल्हड़ वाली चाय के साथ प्रपंच आगे बढ़ गया।

मुंशीजी ने बाढ़ की बात करते हुए कहा- योगी जी ने शुक्रवार को बाढ़ ग्रस्त जिलों का हवाई दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद देने का आदेश दिया है। प्रदेश में गोंडा, बाराबंकी, अयोध्या, संत कबीरनगर, सीतापुर, गोरखपुर, बस्ती सहित अन्य 14 जिलों के 247 गांवों में बाढ़ का प्रकोप है। कुछ जिलों में बारिश और जलभराव के कारण स्कूल/कॉलेज बन्द कर दिए गए हैं। यूपी के 44 जिलों में 67 बचाव टीमें तैनात की गई हैं। यूपी में भारी बारिश, आकाशीय बिजली व घर गिरने से अबतक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ ग्रस्त जिलों के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उनकी हजारों एकड़ तैयार फसलें पानी में डूब गई हैं। इसी से मिलती-जुलती तस्वीर अन्य राज्यों की भी है।

कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- कांग्रेस एक बार फिर से हुंकार भर रही है। राहुल गाँधी विगत कुछ दिनों से भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। दक्षिण भारत में राहुल को लोग पसन्द कर रहे हैं। इधर, दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। खबरों की माने तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन सकते हैं।

उनकी जगह सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनाये जा सकते हैं। यह परिवर्तन कांग्रेस के लिए बूस्टर का काम करेगा। कांग्रेस को देश के कुछ प्रमुख क्षेत्रीय दलों को अपने साथ जोड़ लेना चाहिए। कांग्रेस को एक मजबूत विपक्ष की भूमिका में आना चाहिए। वैसे उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक राहुल गाँधी सक्रिय हैं। वह जनता के हितों के लिए बार-बार आंदोलन कर रहे हैं। इधर, यूपी में प्रियंका गांधी ने डंका बजाया है।

बड़के दद्दा बोले- कासिम मास्टर, आप अपना प्राइमरी स्कूल देखो। आप राजनीति के चक्कर में ज्यादा न पड़ा करिए। आपको न जाने कैसे कांग्रेस में भविष्य दिखाई पड़ रहा है? आपको लगता है कि सपा, रालोद, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना व अन्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस को अगुवा मान लेंगे। एक बड़ा विराट राष्ट्रीय गठबंधन बन जाएगा। फिर यह गठबंधन मोदी जी को उखाड़ फेंकेगा। देश और प्रदेश से भाजपा का शासन खत्म हो जाएगा। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक एक बार फिर तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों का बोलबाला हो जाएगा। परन्तु, आपका यह सपना साकार होना असंभव है। देश के मतदाता अब बेहद जागरूक हैं। जनमानस की प्रबल इच्छा से एनडीए सत्ता में आया है। भारत के 70 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद मोदीजी और योगीजी हैं। अब तो राष्ट्रवादी मुसलमान भी भाजपा के खेमे में आने लगे हैं।

मैंने कोरोना अपडेट देते हुए परपंचियों को बताया कि विश्व में अब तक क़रीब 61 करोड़ 96 लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 65 लाख 38 हजार से ज्यादा लोग काल कलवित हो गए। इसी तरह भारत में अब तक चार करोड़ 45 लाख 61 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें पांच लाख साढ़े 28 हजार लोगों की मौत हो गई। भारत में कोरोना वैक्सीन की 217 करोड़ डोज दी जा चुकी है। देश में 94.7 करोड़ आबादी को वैक्सीन की डबल डोज लग चुकी है। देश में बूस्टर डोज देने का सिलसिला जारी है। साथ ही, बच्चों को कोरोना वैक्सीन तेजी के साथ लगाई जा रही है। भारत ने निःशुल्क कोरोना टीकाकरण में रिकॉर्ड बनाया है। मोदी सरकार कोरोना टीकाकरण को अपनी उपलब्धियों में गिन रही है।

अंत में चतुरी चाचा ने सबको शारदीय नवरात्र की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा। तब तक के लिए पँचव राम-राम!चतुरी चाचा

About Samar Saleel

Check Also

मेदांता अस्पताल पत्रकारों का करेगा रियायती दर पर इलाज, MOU किया हस्ताक्षर

लखनऊ। मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) लखनऊ इकाई द्वारा 16 फरवरी को पत्रकारों के हितार्थ एक ...