लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल शिक्षा के व्यापक प्रसार की दिशा में प्रयास करती रहीं हैं. राज्यपाल के रूप में भी वह इसके लिए अभिभावकों को प्रेरित करती हैं। इस क्रम में उन्होने कहा कि भारत को सशक्त और विकसित राष्ट्र की दिशा में प्रगति के लिए सभी बच्चों का शिक्षित होना आवश्यक है। अभिभावकों को अपने बच्चों की रूचि पहचानकर उसी दिशा में शिक्षा के लिए आगे बढ़ाना होगा। भविष्य में उसे क्या बनना है, इसके लिए अभी से प्रवृत्तियों शुरू करनी होगी।
राज्यपाल ने ग्राम वासियों से कहा कि अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र अवश्य भेजें। बच्चे की शिक्षा अनवरत जारी रहे, हम सबको मिलकर सुनिश्चित करना होगा। अभी 30 फ़ीसदी बच्चे ही कॉलेज पहुँचते हैं। प्रधानमंत्री का 2030 तक लक्ष्य है कि 50 फ़ीसदी बच्चे कॉलेज पहुंचे।
जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहन
आनंदीबेन पटेल ने जनपद पीलीभीत भ्रमण के आज दूसरे दिन सुदूरवर्ती क्षेत्र में स्थित नौजल्हा नकटहा ग्राम तथा तहसील कलीनगर के ग्राम महराजपुर ढकिया में गाँव वासियों से मुलाकात और वार्ता, सब्जी उत्पादक कृषकों एवं प्रगतिशील किसानों, महिला कृषक समूहों से वार्ता, आंगनवाड़ी केंद्र का भ्रमण, एस एस बी आउट पोस्ट पर जवानों से मुलाकात और वार्ता की। राज्यपाल ने उनके उत्पादों की जानकारी ली और जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया।
लाभार्थियों को सौगत
राज्यपाल ने दोनों गॉँवों, 5 आंगनबाड़ी केंद्रों – कुल 10 केन्द्रों के लिए राजभवन की तरफ से किट उपलब्ध कराई गयी, जिसमें उन्होंने बच्चों के लिए कुर्सियों, मेज, खिलौने, साइकिल सहित किट की अन्य सामग्री भी प्रदान की। #राज्यपाल ने महिलाओं को पुष्टाहार किट देकर गोद भराई संस्कार व छह माह के बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कराया।
उन्होंने दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण एवं लाभार्थियों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड प्रदान किए। कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों को पोषण सामग्री भी वितरित की तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अभ्यर्थियों को उनके आवास की प्रतीकात्मक चाबी भी भेंट की।
आत्मनिर्भर भारत का संदेश
राज्यपाल एस एस बी आउट पोस्ट पर जवानों से भी मिली और उनसे वार्ता की। सुरक्षा में तैनात जवानों के कार्यों की सराहना की और कहा देश को सुरक्षित रखकर विकास को गति प्रदान करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है। हम सबको मिलकर सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जिम्मेदारी को दिल से निभाएं और परिणाम तक पूरी दृढ़ता से डटें रहें तभी विकास को गति देते हुए हम सब विश्वस्तर पर भारत को गरिमा और सामर्थ्य के साथ स्थापित रखने में समर्थ होंगे। उन्होंने जवानों को सीमावर्ती स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों से संवाद करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा स्कूली बच्चों को बॉर्डर पर लाकर भ्रमण के द्वारा उनमें देश प्रेम का बोध, दायित्वों का बोध भी जाग्रत कराना चाहिए।