• सीएचसी बिधूना से हटाये जाने के बाद भी गलत तरीके से निकाली धनराशि
औरैया/बिधूना। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना से हटाकर जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई एनएचएम में तैनात किये गये ब्लाक लेखा प्रबन्धक (बीएएम) जितेन्द्र कुमार शर्मा को मुख्य चिकित्सा अधिकारी औरैया द्वारा सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह तीन दिन के अन्दर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे कि क्यों उनकी सेवा समाप्ति न की जाये।
बता दें कि 31 जनवरी को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सीएचसी बिधूना के बीएएम जितेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा आशाओं के मानदेय का भुगतान समय से न करने पर रोष व्यक्त किया गया था। साथ ही जिला स्वास्थ्य समिति के अग्रिम आदेशों तक बीएएम शर्मा को सीएचसी बिधूना से हटाकर जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से सम्बद्ध कर इनके खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये थे। जिसके बाद सीएमओ ने बीएएम शर्मा को सीएचसी बिधूना से हटाकर जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई एनएचएम से सम्बद्ध कर दिया था।
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अब मुख्य चित्सिाधिकारी डाॅ अर्चना श्रीवास्तव ने बीएएम शर्मा को जारी किये सेवा समाप्ति नोटिस में कई गम्भीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने नौ आरोपों वाले जारी नोटिस में कहा जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई एनएचएम के अधिकारियों द्वारा जो जांच रिपोर्ट सौंपी गयी है। उसमें बीएएम को बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब रहने, अपने कार्यो में रूचि न लेने, जनपद स्तर से दिए गये निर्देशों की अवहेलना करने एवं कूटरचित तरीके से वेण्डरो का भुगतान करने का दोषी पाया गया और सेवा समाप्ति की संस्तुति की गयी है।
ये हैं आरोप
01 – जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर 6 फरवरी को सीएचसी बिधूना से हटाकर सीएमओ कार्यालय में जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई एनएचएम से सम्बद्ध किया गया किन्तु वहां योगदान नहीं दिया गया।
02 – 14 फरवरी को दिये गये पत्र में जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई में तत्काल योगदान देने, कार्यप्रणाली में सुधार लाने अन्यथा 31 मार्च को सेवा समाप्ति कर देने की अंतिम चेतावनी दी गयी थी। जिसका न अनुपालन किया गया और न ही स्पष्टीकरण का जवाब दिया गया।
03 – सीएचसी बिधूना के प्रभारी अधीक्षक द्वारा 17 फरवरी को एकतरफा कार्यमुक्त करने बाद भी संबंधित कर्मी को चार्ज नहीं दिया गया।
04 – बिधूना से 17 फरवरी को कार्यमुक्त होने के बाद भी बिना किसी सूचना के 17 फरवरी से 24 फरवरी तक अनुपस्थित रहना और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई में योगदान नहीं देना।
05 – 17 फरवरी को कार्यमुक्त होने के बाद भी सीएचसी बिधूना में कूटरचित तरीके से द्वितीय अधिकारी हस्ताक्षरी के डिजिटल सिग्नेचर का दुरूपयोग कर अनाधिकृत तौर पर 20 फरवरी, 10 व 11 मार्च को पीएफएमएस/एफएएमएस आईडी का दुरूपयोग करते हुए वेण्डरो/ठेकेदारों को भुगतन किया गया। जो वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है।
06 – द्वितीय हस्ताक्षरी डाॅ. मीनाक्षी पुष्कर का आरोप था कि आशाओं के भुगतान करने हेतु झूठ बोलकर उनका डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त किया गया। जबकि आशाओं के सभी भुगतान जिला स्तर से किये जाते है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वित्तीय दिशा-निर्देशों की घोर अवहेलना है।
07 – पूर्व में 22 सितम्बर 2021 को सीएचसी एरवाकटरा के प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा स्थानान्तरण होेने बाद भी चार्ज नहीं देने पर चेतावनी पत्र दिया गया था। जिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
08 – 1 अप्रैल 2000 को सीएचसी दिबियापुर के प्रभारी चिकित्साधिकरी द्वारा अनुशासनहीनता एवं लगातार अनुपस्थ्ति रहने के संबंध में अवगत कराया था। साथ ही एक पत्र भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया, लेकिन पत्र लेने से मना कर दिया गया।
09 – सीएचसी एरवाकटरा एवं बिधूना की कई आशाओं व संगिनियों द्वारा लिखित रूप से धन उगाही की शिकायत के साथ साक्ष्य के लिए वीडियो भी उपलब्ध कराये गये।
अधीक्षक को भी जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस – सीएमओ द्वारा 6 फरवरी को सीएचसी बिधूना में तैनात रहे बीएएम जितेन्द्र कुमार शर्मा को जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई में सम्बद्ध कर दिये जाने और सीएचसी अधीक्षक द्वारा 17 फरवरी को बीएएम को औरैया के लिए कार्यमुक्त कर दिये जाने के बाद बीएएम द्वारा 20 फरवरी 14 वाउचर लगाकर 4,15,055 रूपए, एवं 10 मार्च को 6 वाउचर लगाकर 7,39,742 रूपए व 11 मार्च को एक वाउचर लगाकर 7,000 रूपए वेण्डरों/ठेकेदारों का भुगतान कराया बताया गया है।
जिस पर सीएमओ ने सीएचसी अधीक्षक को कारण बताओं नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया कि उनके द्वारा ऐसा क्यों किया गया। साथ ही किन परिस्थितियों में अधीक्षक द्वारा कार्यमुक्त हो चुके कर्मी से भुगतान सम्पादित कराया गया। जबकि सीएचसी बिधूना में वित्तीय कार्य हेतु नागेन्द्र सैनी बीएएम को सम्बद्ध किया गया था। जिनके द्वारा 20 फरवरी को योगदान भी प्रस्तुत किया गया था।
डिजिटल सिग्नेचर वापस कराने को लिखा था पत्र – पीएचसी पुर्वा सुजान की प्रभारी डाॅ मीनाक्षी पुष्कर ने 16 मार्च को सीएमओ को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि उन्होंने सीएचसी में तैनात आशा कर्मियों के मानदेय के भुगतान के लिए बीएएम जितेन्द्र कुमार शर्मा को 15 फरवरी को उनके डिजिटल सिग्नेचर लिये थे। कहा कि मेरे सिग्नेचर को अन्य कहीं दुरूपयोग न किया जाये इसलिए मेरा डिजिटल सिग्नेचर का पेन ड्राइव वापस कराया जाये।
सम्बद्धता खत्म करने को लिखा पत्र – उधर जितेन्द्र कुमार शर्मा को हटाकर बिधूना में सम्बद्ध किये गये सहार के बीएएम ने 09 मार्च को लिखे एवं 13 मार्च को सीएमओ कार्यालय में रिसीव कराये पत्र में पत्नी के बीमार होने व स्वयं के दुर्घटना ग्रस्त हो जाने के चलते बिधूना में कार्य देख पाने में असमर्थता दर्शाते हुए बिधूना का अतिरिक्त प्रभार हटाये जाने की बात कही है।
एक और आडियो हुआ वायरल –इसी बीच एक और आडियो वायरल हुआ है। जो स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों के बीच की वार्ता का बताया जा रहा है। जिसमें एक कह रहा है कि अब औरैया बलिया बनेगा, इसे रिकार्ड कर दीजिएगा। आज कल बहुत पॉलिटिक्स हो रही है। इस बार लौट के आऊंगा तो गेम दिखाऊंगा। इस बीच अभद्र शब्द भी बोलता है। साथ ही यह भी कहता है कि डीएम, स्टेनो, एमडी को कैसे मैनेज किया जाता है, सब दिखायेंगे। उक्त आडियो स्वास्थ्य विभाग में चर्चा का विषय है। हालांकि कि समर सलिल इस आडियो की पुष्टि नहीं करता है।
रिपोर्ट – राहुल तिवारी