लखनऊ। भारत सरकार के प्रयास से संयुक्त राष्ट महासभा ने सर्वसम्मति से साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। वहीं, सरकार इस साल विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। खाने में मिलेट्स को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। मिलेट्स न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत से भी भरपूर हैं। इनके खाने से तमाम बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में देश भर में मिलेट्स को लेकर खास तरह की मुहिम छेड़ी गयी है। जिससे कि लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा बना सकें।
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इसी मुहिम को आगे बढ़ते हुए राष्टीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल ने मोटे अनाज पर आधारित एक आठ मिनट की लघु फिल्म बनाया है। इस फिल्म में मोटे अनाज के फायदे के बारे में जागरूक किया गया है। अब इस फिल्म को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अपने छात्रों को भी दिखाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय से जुड़े सभी संस्थानों के निदेशकों और प्राचार्यों को पत्र लिखकर छात्रों सहित शिक्षकों और कर्मचारियों को फिल्म दिखाने को कहा गया है।
आठ मिनट की फिल्म
कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के निर्देश पर कुलसचिव जीपी सिंह ने पत्र जारी कर संबद्ध संस्थानों के निदेशकों और प्राचार्यों को इस आठ मिनट की फिल्म दिखाने का निर्देश दिया है। इस लघु फिल्म में मोटे अनाज के फायदे का रोचक अंदाज में प्रदर्शन किया गया है। साथ ही फिल्म में देश के विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान दिये हैं।
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इस फिल्म के जरिये छात्रों को मोटे अनाज की अहमियत और उसके फायदे के बारे में बताया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय ने अपने कार्यक्रमों के दौरान खाने में मोटे अनाज को शामिल किया है। हाल ही में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मोटे अनाज से बनी खिचड़ी लोगों ने खूब पसंद की थी।
ये है मोटा अनाज
आमतौर पर अब लोग गेहूं का प्रयोग कर रहे हैं। जबकि किसी जमाने में लोगों के खाने में मोटा अनाज ही शामिल था। मोटा अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी आदि शामिल हैं। इन अनाजों में मिनरल, विटामिन, फाइबर के साथ ही मैक्रो और माइक्रो जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं।