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शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग जायज : रोहित अग्रवाल

लखनऊ। अटेवा संयोजक विजय बंधु के द्वारा चलाई जा रही “निजीकरण भारत छोडों” यात्रा का समर्थन करते हुए रालोद व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा शिक्षकों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली उनकी जायज मांग है। क्योंकि 60 वर्ष की आयु के पश्चात जब वह सेवानिवृत्त होता है तो आगे का जीवन आत्मनिर्भरता व आत्मसम्मान के साथ जी सके, यह लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा है। राष्ट्रीय लोकदल शिक्षकों कर्मचारियों के हित के लिए सदैव खड़ा रहा है। इसलिए हम पुरानी पेंशन बहाली का प्रबल समर्थन करते हैं।

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श्री अग्रवाल ने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हुये कहा कि लाखों की संख्या मे शिक्षक कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करें। सरकार सरकारी संस्थाओं का निजीकरण बंद करें क्योंकि निजीकरण होने से रोजगार के अवसर समाप्त होते जा रहे हैं। निजीकरण न तो लोगों के हित में है न देश के हित में।

रोहित अग्रवाल Rohit Agarwal

उन्होंने कहा कि अटेवा द्वारा निजीकरण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। उसी में पुरानी पेंशन के साथ आंदोलन को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कई बड़े राज्यों ने अपने यहां पुरानी पेंषन की घोषणा कर दी है ऐसे में यूपी समेत कई राज्यों में नई पेंशन नीति चल रही है उसको बदलने के लिए राष्ट्रीय लोकदल अटेवा के संघर्ष में साथ खड़ा है।

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उन्होंने कहा कि नई पेंशन नीति धोखा है। राज्य को अपने यहां पुरानी पेंशन लागू करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार को यू0पी0 में भी पुरानी पेंशन नीति लागू कर देनी चाहिए। इससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। नई पेंशन में रिटायर होने के बाद लोगों को 2 से 5 हजार रुपये तक पेंशन मिलती है। जबकि पुराने में लोगों को सैलरी का 50 फीसदी मिलता है। उसके बाद वह बढ़ता ही जाता है।

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