योग भारत की विरासत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग के प्रति दुनिया की जागरूकता बढ़ी है. क्योंकि इसमें मानव मात्र के कल्याण का विचार है. 21 जून को दो सौ देशों में योग दिवस मनाया जाता है. दुनिया को य़ह सौगात भारत ने दी है. इसलिए भारत की जिम्मेदारी भी अधिक है। उसे अपने यहां योग दिवस पर ऐसा उत्सव जैसा माहौल बनाना होगा, जिस पर अन्य देश भी ध्यान दें. यहां से प्रेरणा लें.लखनऊ राजभवन में योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होते रहे है. राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल अभी से योग दिवस पर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित करने के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं हैं. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय विश्व कीर्तिमान बनाने की सशक्त दावेदारी सुनिश्चित करने के स्तर की तैयारी करें।
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विश्वविद्यालय विभिन्न रोगों में लाभप्रद अलग-अलग प्रकार के योग का आयोजन कराये। राज्यपाल ने जलयोग, जल में योग, मलखम्भ, नृत्य के साथ योग, संगीत के साथ योग जैसे विविध योग प्रकारों को थीम आधारित बनाकर अपने आयोजन में शामिल करने को कहा। शहीद स्माराकों, ऐतिहासिक धरोहरों, संगम स्थल, गंगा घाटों जैसे स्थलों पर विश्वविद्यालयों से योग दिवस का आयोजन होना चाहिए. आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आमंत्रित किए जाएं तथा प्रत्येक आयोजन में विद्यार्थियों को जनप्रतिनिधि के साथ योग करने का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने नाव चलाने वाले मल्लाहों को भी योग से जोड़ने और आयोजन में शामिल करने के निर्देश दिए।
प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालय योग पखवाड़ा प्रारम्भ कर चुके हैं, जबकि शेष अन्य विश्वविद्यालय कल 14 जून, 2023 से 21 जून, 2023 तक योग सप्ताह के आयोजन की तैयारी कर रहे हैं। इस वर्ष ‘हर घर आँगन योग‘ की थीम पर आयोजित योग दिवस के लिए विश्वविद्यालयों में पोस्टर प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबन्ध लेखन, रंगोली प्रतियोगिता, योग प्रशिक्षण, योग के प्रति जागरूकता जैसे विविध कार्यक्रम आरम्भ हो चुके हैं. राज्यपाल ने आयोजन की प्रत्येक गतिविधि में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने विद्यार्थियों की कांउसिल बनाकर योग आयोजन की तैयारियों से जोड़ने और प्रतिभागिता कराने को कहा।
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गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से योग आयोजन कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने गोद लिए गाँवों में, आँगनवाड़ी केन्द्रों पर तथा वहाँ की गर्भवती महिलाओं के लिए भी योग के आयोजन प्रशिक्षित योग शिक्षकों के निर्देशन में करे। उन्होंने मरीजों के लिए हितकारी योग के आयोजन कराने को कहा। चिकित्सा विश्वविद्यालय विभिन्न रोगों में लाभप्रद अलग-अलग प्रकार के योग का आयोजन होने चाहिए।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री