महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि शरद पवार को भतीजे अजित पवार की बगावत के बारे में नहीं पता था।
चव्हाण ने कहा कि अजित पवार और उनकी मंडली के विधायकों को सरकार में शामिल कराने का फैसला नई दिल्ली में लिया गया है। उन्होंने कहा, “हमें जानकारी है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक महीने में 10 से 11 अगस्त तक विधानसभा से निलंबित किया जा सकता है। ऐसे में अगर शिंदे और उनके 16 विधायक अयोग्य हो गए तो सीएम पद अजित पवार के पास आ सकता है।”
चव्हाण ने कहा, “हम जानते हैं कि उनसे (अजित पवार से) यही वादा किया गया है।” पृथ्वीराज का यह बयान तब आया है, जब शरद पवार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए पूछा, “महाराष्ट्र में अस्थिरता से अब कौन लोग खुश हैं? क्या एनसीपी खुश है या शिंदे खेमा खुश है?”
अजित पवार की सरकार में एंट्री से एकनाथ शिंदे खेमा असहज है और अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिंदे खेमे के विधायक उद्धव खेमे में वापस आना चाह रहे हैं। बुधवार रात सीएम शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार में कोई बदलाव नहीं होगा। इस बीच, उद्धव गुट के शिवसेना नेताओं ने दावा किया है कि शिंदे सेना के कुछ नेताओं ने “मातोश्री से माफ़ी” की गुहार लगाई है। हालांकि, बीजेपी ने कहा है कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे और ये सभी अफवाहें भ्रामक हैं।
उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद अजित पवार ने बुधवार को अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपने पत्ते खोले। उन्होंने साबित किया के पार्टी में विधायकों के समर्थन के मामले में वह चाचा शरद पवार पर भारी हैं। पवार बनाम पवार की इस पावरफुल लड़ाई ने महाराष्ट्र के एक और बड़े राजनीतिक परिवार के बीच कटुता को उजागर कर दिया है। भतीजे ने जहां चाचा को रिटायर होने के लिए कह दिया है, वहीं चाचा ने भतीजे को उसकी तस्वीर का उपयोग न करने की धमकी दी है। बुधवार को दोनों खेमों ने एक दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी की।