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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं, महंगाई को काबू करना सरकार की सर्वोत्तम प्राथमिकता

राजधानी दिल्ली में G20 की एक सभा बी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि लंबे वक्त से ब्याज दरों को उच्च स्तर पर रखने के कारण इकोनॉमी पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. मगर सरकार की यह प्राथमिकता है कि वह महंगाई को (Inflation in India) काबू करें. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि लंबे वक्त तक महंगाई मार्केट में डिमांड को कम कर देती है और उच्च ब्याज दर होने के कारण इसका अर्थव्यवस्था पर इसका नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची महंगाई

गौरतलब है कि जुलाई में भारत की मुद्रास्फीति दर (CPI in July) में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह बढ़कर 7.44 फीसदी तक पहुंच गई थी. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले 15 महीने में महंगाई दर सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बेमौसम बारिश और सप्लाई चेन में कमी के कारण देश में टमाटर, प्याज आदि जैसी सब्जियों के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में इसका असर मुद्रास्फीति दर पर दिख रहा है.

सप्लाई चेन पर देना होगा ध्यान

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आमतौर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा केवल ब्याज दरों में बढ़ोतरी को एक मात्र हथियार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. इसके अलावा सरकार को सप्लाई चेन पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बेहतर सप्लाई चेन न होने की स्थिति में महंगाई को काबू करना मुश्किल हो सकता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि खाद्य महंगाई दर को काबू करने के लिए सरकार ने पिछले 2 से 3 महीनों के भीतर कई कदम उठाए हैं. इसमें सफेद गैर बासमती चावल के निर्यात पर रोक, सस्ते प्याज टमाटर की बिक्री आदि जैसे कदम शामिल हैं.

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